ज्ञानेश कुमार ने आज बुधवार को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की जिम्मेदारी संभाल ली है. वह देश के 26वें चीफ इलेक्शन कमिश्नर बने हैं. ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनका कार्यकाल 4 वर्षों का होगा, जो 18 फरवरी 2025 से 26 जनवरी 2029 तक रहेगा. उल्लेखनीय है कि बीते कल यानी मंगलवार 18 फरवरी को अब तक CEC की जिम्मेदारी संभाल रहे राजीव कुमार रिटायर हो गए थे.
21 राज्यों में चुनाव करने की जिम्मेदारी
CEC ज्ञानेश कुमार 20 राज्यों सहित 1 केंद्र शासित राज्य में चुनाव विधानसभा चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार होंगे. साथ ही उनके पास कई राज्यों में निकाय चुनावों को संपन्न कराने की भी जिम्मेदारी होगी. CEC ज्ञानेश कुमार की पहली अग्नि परीक्षा बिहार विधानसभा चुनाव से शुरू होगी. यहां इसी वर्ष 2025 में नई सरकार का गठन होना है. वहीं, उनके प्रबंधन में अंतिम चुनाव मिजोरम राज्य में होगा. चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार की टीम में 1989 बैच के आईएएस अधिकारी विवेक जोशी और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त की भूमिका निभाएंगे.
17 फरवरी को लगी थी नाम पर मुहर
सोमवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी थी. बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए थे. जिसके बाद ज्ञानेश कुमार को देश का अगला CEC बनाने की अधिसूचना कानून मंत्रालय ने जारी की थी.
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
बता दें कि सरकार ने CEC के 5 नामों का प्रस्ताव चयन समिति के सामने रखा था. लेकिन राहुल गांधी ने इन नामों पर विचार करने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि CEC की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए इस पर कोई निर्णय होने के बाद ही बैठक होनी चाहिए.
यह भी पढ़ें; महाकुंभ को लेकर ममता बनर्जी का विवादित बयान, बोलीं ‘ये मृत्युकुंभ है’
राहुल गांधी ने इस मसले पर अपने विचार एक्स के माध्यम से रखे थे. उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा था कि लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि बाबा साहेब अंबेडकर और देश के संस्थापक नेताओं के आदर्श बनाए रखें. आधी रात को CEC की नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक है. यह निर्णय तब लिया गया, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है.