नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को भारत भर में Z श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है. यह कदम हाल ही में इंटेलिजेंस ब्यूरो की खतरे की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है.
अब तक दलाई लामा को हिमाचल प्रदेश पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा दी जा रही थी, लेकिन अब उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीआरपीएफ की एक टीम नियुक्त की गई है. इस सुरक्षा योजना के तहत, दलाई लामा को उनके भारत में यात्रा करते समय सीआरपीएफ कमांडो द्वारा एस्कॉर्ट किया जाएगा.
दलाई लामा को तिब्बत से भागकर 1959 से भारत में शरण मिली थी. वह तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख नेता हैं. चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद से उनकी स्थिति और गतिविधियां भारत-चीन संबंधों में संवेदनशील मुद्दा रही हैं. चीन ने उनकी वैश्विक गतिविधियों पर अक्सर विरोध जताया है, लेकिन भारत ने फिर भी उन्हें और उनके अनुयायियों को अपने देश में शरण दी है.
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दलाई लामा की इस सुरक्षा बढ़ोतरी से यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार दलाई लामा की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती. खासकर उनके खिलाफ चीन के विरोध को देखते हुए. उनकी सुरक्षा को लेकर उठाया गया यह कदम भारत की सुरक्षा नीति को भी दर्शाता है, जो अपने देश के हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की सुरक्षा के साथ-साथ भारत में शरण लिए हुए लोगों को भी गंभीरता से लेती है.