महाकुंभ नगर: बॉलीवुड अभिनेत्री से साध्वी फिर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने हाल ही में महाकुंभ में अपना पिंड दान किया था, जिसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी. हालांकि, इस पर विवाद उठने के बाद ममता ने अब इस पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है.
ममता कुलकर्णी ने इस्तीफा दिया
ममता कुलकर्णी ने कहा, “मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं. मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी साध्वी की तरह ही अपना जीवन जीऊंगी.” ममता कुलकर्णी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर बनने का निर्णय लिया था, लेकिन विवादों के कारण अब उन्होंने इस पद को छोड़ने का फैसला किया है.
#WATCH | Prayagraj | Mamta Kulkarni says, “I am resigning from the post of Mahamandaleshwar of Kinnar Akhada. I have been ‘sadhvi’ since my childhood and I’ll continue to be so…”
(Source – Mamta Kulkarni) pic.twitter.com/iQAmmBkjVR
— ANI (@ANI) February 10, 2025
महामंडलेश्वर बनने पर उठे थे सवाल
बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना खुद में एक बड़ा विषय बन गया था. प्रयागराज महाकुंभ में ममता ने किन्नर अखाड़े में दीक्षा ली थी, इसके बाद उनका पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई. इसके बाद कई सवाल उठने लगे थे. कई संतों और बाबा रामदेव ने इस पर आपत्ति जताई थी, यह कहते हुए कि जो व्यक्ति पहले सांसारिक सुखों में लिप्त था, वह अचानक संत बनने का दावा कर रहा है और महामंडलेश्वर जैसी उपाधि ले रहा है.
कड़ी परीक्षा के बाद मिला था महामंडलेश्वर का पद
ममता कुलकर्णी ने कहा था कि महामंडलेश्वर बनने से पहले उनकी कड़ी परीक्षा ली गई थी. उन्होंने यह भी बताया कि 4 जगतगुरुओं ने उनसे सवाल पूछे थे और उनके उत्तरों से यह तय किया गया कि उन्होंने कितनी तपस्या की है. ममता कुलकर्णी ने यह भी कहा था कि उन्हें इस पद के लिए कई बार आग्रह किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेकर कोई जल्दी नहीं की. ममता का कहना था कि महामंडलेश्वर बनने का यह अवसर 144 साल बाद आया था और इसे उन्होंने आदिशक्ति की कृपा से प्राप्त किया. उनका नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि घोषित किया गया था.