आजमगढ़: आजमगढ़ में मदरसों के संचालन में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद सरकार ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. यहाँ 700 मदरसों की जांच के बाद यह पता चला है कि 313 मदरसे सरकारी मानकों के अनुरूप नहीं हैं. यह जांच 2017 में शुरू हुई थी, जब यह सामने आया था कि साल 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को सरकारी मान्यता और अनुदान दिया गया था. इस मामले में एसआईटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था.
एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, 219 मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो सरकारी मानकों के खिलाफ थे. इनमें से कुछ मदरसे सिर्फ कागजों पर थे, जबकि अन्य में बड़ी गड़बड़ियां पाई गईं. इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने इन मदरसों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
आजमगढ़ की अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि मदरसों की जांच की गई थी और जिनमें मानक की कमी पाई गई, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अवैध मदरसा संचालकों के खिलाफ थाने स्तर पर तहरीर दी जाएगी और मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
मदरसा संचालकों ने सरकार की इस कार्रवाई को रूटीन प्रक्रिया बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि जिन मदरसों में अनियमितताएं हैं, उन्हें सुधारने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अवैध मदरसे सिर्फ शासन की मिलीभगत से चलते हैं, लेकिन ऐसे मदरसों को अलग किया जाना चाहिए जो बिना सरकारी सहायता के गरीब बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.
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