इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिल रही है. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआईएफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के तेवरों में बदलाव देखा जा रहा है. कुछ समय पहले तक संघीय सरकार को संकट से उबारने वाले मौलाना के बदले रूख ने पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में नया विमर्श पैदा कर दिया है. सरकार को डर है कि यदि मौलाना फजलुर रहमान सरकार से नाराज हो गए, तो मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
स्थिति को संभालने के लिए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मौलाना फजलुर रहमान से उनके आवास पर मुलाकात की थी. हालांकि, प्रधानमंत्री के मीडिया कार्यालय और जेयूआईएफ प्रवक्ता ने इस मुलाकात का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया, लेकिन दोनों पक्षों ने संक्षिप्त बयान में बताया कि बैठक के दौरान राष्ट्रीय और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मौलाना फजलुर रहमान से उनके स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा, जिस पर मौलाना ने आभार व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दीं. इस मुलाकात में योजनामंत्री अहसान इकबाल, सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार, मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी, सीनेटर मौलाना अताउर रहमान, मौलाना असद महमूद और पार्टी प्रवक्ता असलम गौरी भी उपस्थित थे.
संसद भवन में किया था सरकार पर कड़ा प्रहार
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले संसद भवन में मीडिया से बातचीत में मौलाना फजलुर रहमान ने संघीय सरकार पर कड़ा प्रहार किया था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सत्ता प्रतिष्ठान से मनमाने फैसले लिए गए, तो देश में समस्याएं बढ़ सकती हैं. मौलाना ने यह भी कहा था कि सरकार को इस हद तक नहीं जाना चाहिए कि राजनेताओं के लिए कोई रास्ता न बचे. साथ ही उन्होंने नए सिरे से आम चुनाव कराने की भी मांग की थी.
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प्रधानमंत्री शहबाज की आई प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मौलाना से बताया था कि सरकारी उद्यमों के निजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार तेजी से कदम उठा रही है. इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. इसके अलावा, शहबाज शरीफ ने आगा खान चतुर्थ के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की. साथ ही बताया कि पाकिस्तान में शनिवार को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा.