नई दिल्ली: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में बयान देते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका से अवैध भारतीयों की वापसी पहली बार नहीं हो रही है. उन्होंने इस पर संसद को जानकारी दी और पुराने आंकड़े साझा किए, जिससे यह साबित होता है कि यह प्रक्रिया पहले भी नियमित रूप से होती रही है.
विदेश मंत्री ने बताया कि इस तरह की वापसी के मामलों में कोई बदलाव नहीं आया है और ये पहले से तय मानकों और प्रक्रियाओं के तहत की जाती हैं. इस दौरान विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमान में अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया है. हालांकि, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस पर स्पष्ट करते हुए कहा कि 2012 से लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत यह प्रक्रिया की गई है. इसी SOP के तहत अवैध प्रवासियों को भारत भेजा जाता है.
इसके साथ ही, उन्होंने पुराने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में 734 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया था. इसके बाद 2013 में 550, 2019 में 2042, 2020 में 1889, 2021 में 805, 2022 में 862 और 2023 में 670 लोगों को डिपोर्ट किया गया. 2024 में अब तक 1368 लोगों को वापस भेजा गया है.
विदेश मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा केवल उन्हीं लोगों को वापस भेजा जाता है जो अवैध रूप से वहां रह रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि 5 फरवरी को भारतीयों को भेजने के दौरान कोई नया बदलाव नहीं किया गया और इस प्रक्रिया में कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ.
डॉ. जयशंकर ने कहा कि सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रही है कि इस प्रक्रिया के दौरान लौटने वालों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो.
आपको बता दें कि अमेरिका ने 5 फरवरी को 104 भारतीयों को अवैध रूप से वहां रहने के कारण भारत भेजा था. इनमें 25 महिलाएं और 12 बच्चे भी शामिल थे. इन लोगों को अमृतसर हवाई अड्डे पर लाया गया और फिर उन्हें उनके गंतव्य राज्यों में भेज दिया गया है.