नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ भाजपा सांसदों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. यह नोटिस उनके द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गईं विवादित टिप्पणियों के खिलाफ दाखिल किया गया है. भाजपा सांसदों का कहना है कि इन टिप्पणियों से राष्ट्रपति के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है.
सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस तब दिया गया, जब 31 जनवरी को उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति ‘बेचारी’ अपनी बात समाप्त करने में थक गई थीं. जिससे यह टिप्पणी विवाद का कारण बन गई. इसके बाद राष्ट्रपति भवन ने सोनिया गांधी की इस टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. प्रेसिडेंट हाउस ने बयान जारी कर कहा था कि इस टिप्पणी ने राष्ट्रपति के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है.
वहीं, दूसरी ओर बिहार से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह सिर्फ एक स्टांप हैं, जिन्हें केवल प्रेम पत्र पढ़ना है. भाजपा ने इन दोनों विपक्षी सांसदों के बयान को गंभीरता से लिया है. जिसके बाद भाजपा के 40 आदिवासी सांसद ने लामबंद होकर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. वहीं पप्पू यादव के खिलाफ भाजपा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस दिया गया है.
भाजपा सांसदों का कहना था कि सोनिया गांधी और पप्पू यादव की टिप्पणी असंसदीय और अपमानजनक है. जिसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए. यह मामला अब बजट सत्र के दौरान संसद में चर्चा का विषय बन गया है. भाजपा सांसदों का कहना है कि इन टिप्पणियों से राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय के सम्मान को ठेस पहुंची है.
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इस मामले पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे आदिवासी सांसदों ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई. सोनिया गांधी की टिप्पणी पर आदिवासी सांसदों ने भी आपत्ति जताई है.