पीलीभीत के खमरिया पुल स्थित अक्रिय धाम के पीठाधीश्वर स्वामी प्रवक्तानंद को 26 जनवरी रविवार को निर्मल अखाड़े के महामंडलेश्वर बनेंगे. वह पहले राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) से विधानसभा चुनाव लड़े थे, वर्तमान में वह पीलीभीत जिले की बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि गुजरात के गीत हरिसंत के साथ दी जाएगी, जिनका पट्टाभिषेक निर्मल अखाड़े के कोठारी संत जसविंदर सिंह द्वारा किया जाएगा.
स्वामी प्रवक्तानंद ने 2003 में गुरु स्वामी अलकनंदा से दीक्षा ली थी. इसके बाद से वह अक्रिय धाम की साधना में भाग लेते हुए सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे. राजनीति में भी उनकी सक्रियता लगातार बढ़ी और उन्होंने 2022 में भाजपा के टिकट से पीलीभीत के बरखेड़ा विधानसभा सीट से जीत हासिल की.
महामंडलेश्वर का पद सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक उपाधि मानी जाती है. जो केवल उन्हीं साधुओं को दी जाती है, जो धार्मिक ज्ञान और चारित्रिक पवित्रता में सिद्ध होते हैं. शंकराचार्य के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा पद होता है. इसे प्राप्त व्यक्ति को देशभर में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य सौंपा जाता है.
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स्वामी प्रवक्तानंद की महामंडलेश्वर बनने की खबर ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही हलकों में चर्चाएं तेज कर दी हैं. उनके समर्थकों का कहना है कि वे इस उपाधि के माध्यम से सनातन धर्म को और भी अधिक जागरूक करेंगे व समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे.