संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्राचीन धरोहरों के मिलने का क्रम लगातार जारी है. हाल ही में जिले के एक मुहल्ले में अब तक का सबसे बड़ा कुआं मिला है. जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. वहीं दूसरी ओर, अल्लीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा में पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं. जिनको करीब 300 से 400 वर्ष प्राचीन बताया जा रहा है. अब प्राचीन कुएं और ऐतिहासिक धरोहरों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में एएसआई खोजबीन करेगा.
कहां मिला प्राचीन और विशाल कुआं?
संभल के सरायतरीन क्षेत्र में जामा मस्जिद के पास स्थित इस कुएं को स्थानीय लोगों ने पहले पाट दिया था. अब प्रशासन ने इसकी खुदाई की जिसके बाद यह कुआं लगभग 70 फीट गहरा पाया गया है. यह कुआं संभल के 19 प्राचीन कुओं का हिस्सा है. स्थानीयों का कहना है कि कुछ दबंगों ने इस कुएं को पाट दिया था, जिसके कारण यहां होने वाली पूजा भी रुक गई थी. अब कुएं का पुराना रूप बहाल कर दिया गया है और इसे फिर से स्थानीय धार्मिक गतिविधियों के लिए खोला गया है.
अल्लीपुर खुर्द में मिले प्राचीन सिक्के और बर्तन
संभल के ऐतिहासिक स्थानों में खोजबीन करने के दौरान प्रशासन और एएसआई की टीम को अल्लीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा में पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं. यह स्थल पहले से ही एएसआई द्वारा संरक्षित है और माना जाता है कि यहां गुरु अमर की समाधि है. करीब 300-400 पुराने सिक्के और बर्तन मिलने के बाद एसडीएम डॉ वंदना मिश्रा ने मौके का दौरा किया और इन वस्तुओं को कब्जे में लिया. एसडीएम ने बताया कि यह स्थल 1920 से एएसआई के रिकार्ड में संरक्षित है. यहां पहले से पुरानी समाधियां थीं, जिनमें गुरु अमर की समाधि भी शामिल है.
अबतक 41 मंदिर और 19 कुएं मिले
पुराणों में जिक्र है कि संभल में 87 तीर्थ स्थल हैं, जिनमें से अबतक 41 तीर्थों की खोज की जा सकी है. वहीं, प्रशासन 19 कुओं की भी तलाश करने में सफल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण प्राचीन धरोहरें सामने आ सकती हैं.