नई दिल्ली: चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि ICMR ने कर्नाटक में दो बच्चों में HMPV संक्रमण की पुष्टि की है. इनमें एक तीन महीने की बच्ची और एक आठ महीने का बच्चा शामिल है. इसके अलावा गुजरात में दो महीने के बच्चे में भी HMPV संक्रमण पाया गया है.
भारत में HMPV संक्रमण का खतरा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के फैलने के कारण संबंधित राज्यों में अलर्ट जारी किया है. ICMR और अन्य स्वास्थ्य इकाइयां इस वायरस की प्रगति पर नजर रख रही हैं. कर्नाटक के बंगलूरू में एक तीन महीने की बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया का इलाज करते वक्त HMPV संक्रमण का पता चला. अस्पताल में भर्ती करने के बाद बच्ची को छुट्टी दे दी गई. इस मामले में आठ महीने के बच्चे में भी संक्रमण पाया गया था, जिनकी हालत भी ठीक है. वायरस कोविड-19 की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इस वायरस से विशेष रूप से खतरा है.
क्या है HMPV वायरस?
HMPV एक श्वसन संबंधी वायरस है जो 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया था. यह वायरस खांसी, छींकने, और संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क में आने से फैलता है. HMPV का प्रभाव मुख्य रूप से बच्चों पर पड़ता है, लेकिन कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव देखा गया है.
लक्षण और प्रभाव
HMPV संक्रमण से सर्दी, खांसी, बुखार, और कफ की शिकायत हो सकती है. गंभीर मामलों में यह ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) का कारण बन सकता है. इसकी पहचान आम फ्लू और कोविड-19 से मिलते-जुलते लक्षणों से करना मुश्किल हो सकता है.
HMPV का इलाज
अभी तक HMPV के लिए कोई विशेष टीका (वैक्सीन) उपलब्ध नहीं है. एंटीवायरल दवाइयों का इसका इलाज नहीं हो सकता, लेकिन लक्षणों को कम करने के लिए कुछ दवाइयां दी जा सकती हैं.
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भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR द्वारा इस वायरस की निगरानी की जा रही है. साथ ही सभी राज्यों को इस वायरस के बारे में जानकारी दी गई है और एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है.