पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हाल ही में तीन खालिस्तानी आतंकी मुठभेड़ में मारे गए थे. जिसके बाद से लगातार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी हैं. जांच में इस बात के सुराग मिल रहे हैं कि खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन, पंजाब के बाद यूपी के पीलीभीत सहित उत्तर भारते में कई क्षेत्रों में फैल रहे हैं. पीलीभीत के पूरनपुर में 23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन आतंकवादी मारे गए थे. इन पर पंजाब के गुरदासपुर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले का आरोप था.
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के थे सदस्य
पुलिस के अनुसार, मारे गए तीनों आतंकवादी 18 साल का जशनप्रीत सिंह, 23 साल का वीरेंद्र सिंह और 25 साल का गुरविंदर सिंह थे. तीनों गुरदासपुर के निवासी थे और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के लिए काम करते थे. एनकाउंटर के दौरान इन आतंकियों के पास से AK-47 राइफल और स्वीडन मेड G-lock पिस्टल बरामद की गईं. पुलिस का कहना है कि इन हथियारों को पाकिस्तान से भेजा गया था.
पाकिस्तान और ISI का हाथ
इस मामले में जांच के बाद सामने आया कि इन आतंकियों का पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध था. खालिस्तान समर्थक संगठन अब भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए पाकिस्तान से फंडिंग और हथियार भेजे जा रहे हैं.
पीलीभीत व आसपास क्षेत्रों में खालिस्तान का प्रभाव बढ़ा
पीलीभीत और आसपास के क्षेत्रों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में इजाफा देखा जा रहा है. इन इलाकों में कई बार खालिस्तान के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं और भड़काऊ नारे भी लगे हैं. हाल में, पीलीभीत के पूरनपुर-खुटार हाईवे पर भिंडरावाले के पोस्टर चिपकाए गए थे, जिसे बाद में पुलिस ने हटा दिया था.
खालिस्तान नेटवर्क पर नकेल करने की जरूरत- पूर्व DGP बृजलाल
भारत में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां बढ़ने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं. पूर्व DGP बृजलाल के मुताबिक खालिस्तान समर्थक अब UP और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अपने गुट बना रहे हैं. 1980 के दशक में इन क्षेत्रों में सिख समुदाय की आबादी तेजी से बढ़ी है. खालिस्तानी आतंकियों ने इन इलाकों को अपने ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया है.
ड्रग्स का लालच देकर ISI उठा रहा फायदा
विशेषज्ञों के अनुसार, खालिस्तान समर्थक संगठन अब बेरोजगारी और ड्रग्स जैसी समस्याओं का फायदा उठाकर युवाओं को आतंकवाद की ओर खींच रहे हैं. NIA के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान सीमा से सटे पंजाब के इलाकों में ISI की मदद से खालिस्तानी आतंकी समूह मजबूत हो रहे हैं. ये आतंकवादी बड़े शहरों में हमलों की साजिशें रच रहे हैं.
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सुरक्षा एजेंसियों के लिए बढ़ी चुनौती
इन खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियां अब न सिर्फ पंजाब, बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों में फैल रही हैं. भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह बड़ी चुनौती बनती जा रही है. खासकर तब, जब पाकिस्तान से इन खालिस्तान आतंकियों को समर्थन मिल रहा हो.
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