इस्लामाबाद: आतंक को पनाह देने के मामले में पाकिस्तान को चेतावनी देने वाली अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है. उन्होंने कहा था कि जो लोग अपने आंगन में सांप पालते हैं, वह एक दिन उसे ही काट खाता है.
पाकिस्तान में आतंकी हमले व हिंसा की घटनाओं और इनमें मरने वालों की संख्या के मामले में मौजूदा साल 2024 बदतरीन साबित हुआ है. पिछले 9 साल के मुकाबले साल 2024 में ऐसी घटनाएं सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गई हैं. ऐसे हमलों में आम नागरिकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाबल के जवान और सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. इन घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित खैबरपख्तून (केपी) और दूसरे स्थान पर बलूचिस्तान है. इन आंकड़ों ने पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में उठ रहे बगावत के स्वर और उनके सामने कमजोर पड़ती सुरक्षा व्यवस्था को उजागर किया है.
डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट में सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि साल 2024 में पाकिस्तान में 1166 आतंकी हमलों व हमलावरों के खिलाफ अभियान से जुड़े मामलों के दौरान 2546 मौतें हुईं, 2267 लोग घायल हुए. इनमें नागरिक, सुरक्षाकर्मी और हमलावर शामिल हैं. देशभर में हुई कुल मौतों में से 94 प्रतिशत और कुल घटनाओं में से 89 प्रतिशत खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुईं.
साल 2024 में पाकिस्तान में 444 आतंकी हमलों में सुरक्षा बलों के कम-से-कम 685 जवानों की मौत हुई है. हमलों में हुई कुल मौत में सुरक्षा बल जवानों की मौत का आंकड़ा करीब 63 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार 2024 में ऐसी 2546 घटनाएं हुईं, जिसमें में 2,267 घायल हुए.
इस साल हुई मौतें पिछले नौ सालों में सबसे ज्यादा रहीं. साल के अन्य महीनों की मुकाबले नवंबर सबसे घातक महीने के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसमें औसतन प्रतिदिन लगभग 7 लोगों की जान चली गई. आतंकी और हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं और उसमें मरने वालों की संख्या के मामले में खैबर पख्तूनख्वा (1,616 मौतें) अव्वल है. जबकि बलूचिस्तान (782 मौतें) के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
हिंसा और आतंकी घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत खैबर पख्तूनख्वा के अफगानिस्तान की सीमा से लगे जिलों-कुर्रम, उत्तरी वजीरिस्तान, खैबर में दर्ज की गईं है. खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान, बन्नू और लक्की मारवत में भी लगातार हिंसा और मौतें हुईं. इन जिलों के बाद बलूचिस्तान के क्वेटा, केच, कलात और मुसाखेल जिले आते हैं.
यह भी पढ़ें: तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर किया कब्जा, वीडियो वायरल, पाकिस्तान ने दी सफाई
रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा व आतंकी घटनाओं में पिछले छह साल तक आई गिरावट 2021 के बाद से लगातार बढ़ रही है. साल 2021 के बाद से हिंसा में फिर से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, जो 2024 में सर्वाधिक हो गई.
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार