लखनऊ: सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमवार की सुबह से ही प्रदेश भर में सभी पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. भक्तों ने गंगा, यमुना, सरयू आदि नदियों में स्नान कर पितरों का तर्पण किया और दान-पुण्य कर पुण्यलाभ प्राप्त किया. यह दिन विशेष रूप से पितरों को श्रद्धा अर्पित करने का होता है और इस अवसर पर भक्तों का तर्पण और स्नान करने का सिलसिला सूर्योदय के साथ शुरू हुआ.
सोमवती अमावस्या का महत्व और पूजा विधि
सोमवती अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है, खासकर इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और पितरों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगा स्नान, तर्पण और दान का विधान है. पूरे प्रदेश में काशी से लेकर गंगा-यमुना व अन्य पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालु आज धार्मिक अनुष्ठान और पितरों के तर्पण में व्यस्त रहे.
मथुरा में भांडीरवन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
सोमवती अमावस्या पर मथुरा के भांडीरवन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आज पर्वी मेला भी आयोजित किया गया, जिसमें भक्तों ने भाग लिया. भांडीरवन की धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह वह स्थान है जहां राधा और कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ था. यहां स्थित पवित्र वेणु कूप भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा और भक्तों ने स्नान किया.
अयोध्या में सरयू घाट पर श्रद्धालुओं की आस्था
अयोध्या के सरयू घाट पर सोमवती अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं का भारी तांता लगा रहा. कड़कड़ाती ठंड में भी भक्तों ने सरयू नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण किया और उनके मोक्ष के लिए दान-पुण्य किया. राम मंदिर और अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं.
नैमिषारण्य में पवित्र स्नान और पूजन
सीतापुर स्थित नैमिषारण्य में भी सोमवती अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया गया।. यहां चक्रतीर्थ, राजघाट और अन्य पवित्र स्थानों पर श्रद्धालु पहुंचे और स्नान, पूजन तथा तर्पण किया. देश के कई हिस्सों से भक्तों ने यहां पहुंचकर इस दिन के महत्व को महसूस किया.
चित्रकूट में भी उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
धर्मनगरी चित्रकूट में सोमवती अमावस्या का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया. यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ तड़के से ही नदी घाटों पर नजर आई. मंदाकिनी नदी के रामघाट, भरतघाट और आरोग्यधाम में स्नान करने के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा था. सोमवती अमावस्या के अवसर पर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं का खास ख्याल रखा.
बाराबंकी में पीपल वृक्ष की पूजा
बाराबंकी में सोमवती अमावस्या पर विशेष पूजा की गई. यहां रामनगर की महिलाएं पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना करने के लिए एकत्रित हुईं. यह दिन विशेष रूप से पीपल वृक्ष की पूजा के लिए महत्वपूर्ण होता है, जिसे मान्यता के अनुसार विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
गंगा तट पर स्नान का महत्व
वहीं, बुलंदशहर के गंगा तटों पर भी सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं ने स्नान किया. खासतौर पर इस दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. विद्वानों का कहना है कि अमावस्या के दिन गंगा स्नान से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. यदि सोमवती अमावस्या हो, तो यह पुण्य और भी अधिक गुणा हो जाता है.
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