भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह आज शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश व विदेश के कई दिग्गज मौजूद रहे. डॉ सिंह को प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, अर्थशास्त्री के अलावा एक सरल व्यक्ति के रूप में भी हमेशा याद किया जाता रहेगा. उनका जीवन जिताना प्रेरणादायी है, उतना ही सादगीपूर्ण.
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म अविभाज्य भारत के पंजाब प्रांत के गांव गाह में 26 सितंबर 1932 को हुआ था. 1947 में हुए बंटवारे के बाद उनका पूरा परिवार अमृतसर आकर बस गया था. वर्तमान में उनका पैत्रक गांव पाकिस्तान के चकवाल जिले में पड़ता है. जब 26 दिसंबर को उनके निधन की खबर गाह गांव के लोगों को मिली तो वहां शोक की लहर दौड़ पड़ी. गांव वालों ने शोक सभा आयोजित कर उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना की.
डॉ सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गाह गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई. यहां वह कक्षा 4 तक पढ़े. इस दौरान उनके मित्र शाह वली और गुलाम मोहम्मद हुआ करते थे. शाह वली और गुलाम ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि हम लोग मनमोहन सिंह को ‘मोहना’ कहा करते थे. वह कक्षा के मॉनीटर थे. वह शुरू से ही शांत स्वभाव के थे. साथ ही पढ़ाई में अव्वल रहे.
डॉ मनमोहन सिंह को अपने गांव और पुराने मित्रों से इतना लगाव था कि जब वह प्रधानमंत्री थे, तो 2008 में उन्होंने अपने दोनों मित्र शाह वली और गुलाम मोहम्मद को नई दिल्ली बुलाकर उनसे मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने अपने जानने वाले लोगों का हालचाल जाना था. साथ ही गांव का दौरा करने को भी कहा था. हालांकि, किन्हीं कारणों के चलते वह वहां नहीं जा सके.
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बंटवारे के बाद भले ही वह कभी अपने पैत्रक गांव नहीं गए हो, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी जन्मभूमि के विकास के प्रति रुचि दिखाई. इसके लिए उन्होंने तब के पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से बात भी की थी. गाह गांव के हेडमास्टर गुलाम मुस्तफा ने कहा मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोहना के जाने के बाद, हम चाहते हैं कि उनके परिवार वाले कम से कम एक बार गाह गांव जरूर आएं. गुलाम मुस्तफा ने डॉ मनमोहन सिंह के दाखिले का रजिस्टर भी दिखाया. जब उन्होंने कक्षा 4 में दाखिला लिया था.
VIDEO | Ex-PM Dr Manmohan Singh’s ancestral village in Pakistan’s Gah has preserved the pre-partition Sikh house as community centre. Here’s what a local said on his demise.
“Our village had invited Dr Manmohan Singh to come here several times, but he couldn’t come. Now, after… pic.twitter.com/wSPhXgosSE
— Press Trust of India (@PTI_News) December 27, 2024