अयोध्या: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर योगी सरकार ने अयोध्या को एक और नया तोहफा दिया है. रामायण के प्रसंग में माता सीता की खोज की थीम पर आधारित शीशे की भूल-भुलैया का उद्घाटन बुधवार को अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी और नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने किया.
यह भूल-भुलैया राम पथ पर स्थित बेनीगंज जलकल कार्यालय में बनाई गई है, जिसकी लागत 3 करोड़ 80 लाख रुपये आई है. यह भूल-भुलैया 1400 स्क्वायर फीट के क्षेत्र में बनाई गई है और इसे आरके इंटरप्राइजेज ने तैयार किया है. इसमें विभिन्न शीशे से बने रास्तों के माध्यम से दर्शकों को माता सीता की खोज करने का अनुभव मिलेगा. भूल-भुलैया में प्रवेश करते ही पर्यटक अपनी ही परछाई देखेंगे और उन्हें सही रास्ता ढूंढने के लिए गाइड की मदद लेनी होगी.
महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के मुताबिक, इस परियोजना का उद्देश्य अयोध्या को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है. यह भ्रमण शीशे से बने अलग-अलग चैंबर्स और रास्तों से होकर किया जाएगा, जहां श्रद्धालु सीता जी की खोज करते हुए बाहर निकलने का रास्ता ढूंढेंगे.
इस भ्रमण को और भी रोमांचक बनाने के लिए नगर निगम ने इसे मिरर-बेस्ड सीता जी की खोज का नाम दिया है. यह अनुभव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगा.
इस भूल-भुलैया में एक बार में 20 लोग प्रवेश कर सकेंगे. यह सुबह 10 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुली रहेगी और आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन यह पूरी तरह से नि:शुल्क होगी. अन्य दिनों में श्रद्धालुओं को प्रति व्यक्ति 25 रुपये का शुल्क चुकाना होगा, जबकि 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश मुफ्त होगा. स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए 15 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है और स्कूल समूहों के लिए बुकिंग पर 50 प्रतिशत की छूट भी उपलब्ध होगी.