अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने आज सोमवार को जानकारी दी कि बांग्लादेश ने भारत को बिजली आपूर्ति के लिए करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह बकाया राशि हर दिन बढ़ रही है. सीएम साहा ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश ने जल्द ही यह बकाया राशि नहीं चुकाई, तो बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश जल्दी ही बकाया राशि चुका देगा, ताकि आपूर्ति में कोई बाधा न आए.
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति के लिए जो बकाया है, वह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति जारी रखने के लिए यह बकाया जल्दी चुकाना होगा. हमें उम्मीद है कि वहां की सरकार जल्द ही भुगतान करेंगे और आपूर्ति में कोई समस्या नहीं आएगी.
बिजली आपूर्ति रोकने पर कोई फैसला नहीं-सीएम मणिक साहा
जब माणिक साहा से पूछा गया कि क्या बकाया राशि न चुकाए जाने के चलते बांग्लादेश में बिजली आपूर्ति को रोकने पर कोई कदम उठाया गया है, तो उन्होंने कहा अभी तक इस विषय को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि त्रिपुरा सरकार ने बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति शुरू करने के लिए समझौता किया था, क्योंकि बांग्लादेश क्षेत्र या चटगांव के जरिए त्रिपुरा में बिजली संयंत्र के लिए कई आवश्यक मशीनरी लाई गई थीं.
त्रिपुरा ने मार्च 2016 से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति शुरू की थी. बांग्लादेश को सप्लाई की जाने वाली बिजली ओएनजीसी त्रिपुरा पावर (OTPC) के संयंत्र में उत्पन्न की जाती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी पावर के झारखंड स्थित गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को पहले 1400-1500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी, लेकिन अगस्त में 800 मिलियन डॉलर (करीब 680 करोड़ रुपये) का बिजली बिल न चुकाए जाने के बाद आपूर्ति को घटाकर 529 मेगावाट कर दिया गया था.
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मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि क्योंकि बांग्लादेश से त्रिपुरा को सहयोग मिला था, इसलिए समझौते के तहत बिजली आपूर्ति की शुरुआत की गई थी. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति कब तक जारी रखी जाएगी, यह फिलहाल तय नहीं किया गया है. सीएम माणिक साहा ने कहा कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश के साथ इस मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है. सरकार को उम्मीद है कि बांग्लादेश जल्द ही अपना बकाया चुका देगा, ताकि दोनों देशों के बीच बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में कोई विघ्न न आए.