प्रयागराज: जिले में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले को लेकर योगी सरकार खास इंतजाम कर रही है. सुरक्षा और व्यवस्थाओं क साथ-साथ इस भव्य आयोजन से रोजगार के अवसर कैसे उत्पन्न हों, योगी सरकार इस पर भी काम कर रही है. इसको लेकर खास इंतजाम किए जा रहे हैं. खास तौर पर कारीगरों और कुशल मजदूरों को लेकर.
उल्लेखनीय है कि कुंभ या फिर महाकुंभ के दौरान प्रयागराज का ‘त्रिवेणी संगम’ के तट थोड़े समय के लिए अस्थायी शहर में तब्दील हो जाता है. जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलते हैं. इस साल 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है. महाकुंभ क्षेत्र में बड़ी संख्या में कुशल और दक्ष कारीगर विभिन्न प्रकार के कामों में भाग लेने आए हैं.
जिनका काम फूस की झोपड़ी बनाना, टेंट सिटी बनाना आदि है. यहां पहुंचे सभी श्रमिक स्थानीय और केवट समुदाय से हैं. श्रमिक को रोजगार मिले, इसको लेकर भी योगी सरकार ने पहले ही प्रयास किए थे. गीता प्रेस के उमा शंकर पांडेय ने बताया कि चूंकि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि झोपड़ियों में रहते थे. इसी की तर्ज पर हम यहां 150 मजदूरों को रोजगार दे रहे हैं, जो झोपड़ियों का निर्माण कर रहे हैं.
गंगा प्रसाद निषाद नामक एक मजदूर ने कहा कि हम पूरी तरह से घास-फूस की झोपड़ियों से एक बंगला बना रहे हैं. हम हर साल माघ मेले और कुंभ मेले में एक बार ऐसा करते हैं. हम सिर्फ यही काम करते हैं. यह हमारे लिए रोजगार का एक अवसर है. मोहन लाल निषाद नाम के एक श्रमिक ने कहा कि ये झोपड़ियां सिर्फ मेले के दौरान ही बनाई जाती हैं, इसके अलावा नहीं. अब हमारे पास यही एकमात्र रोजगार है.
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प्रयागराज पहुंची अवध की पेशवाई
महाकुंभ मेले’ के प्रारंभ होने से पहले अवध की पेशवाई प्रयागराज पहुंच गई है. पेशवाई एक औपचारिक जुलूस है जो कुंभ मेले में साधुओं और अखाड़े या संप्रदाय के अन्य सदस्यों के आगमन का प्रतीक है. यह कुंभ मेले से पहले होने वाली एक भव्य परंपरा है और इसे अखाड़ों की शक्ति का प्रदर्शन माना जाता है.