नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में 129वां संविधान संशोधन के तहत ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पेश किया. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य ‘एक देश एक चुनाव के तहत’ लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है. विधेयक का लक्ष्य चुनावी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, प्रशासनिक और वित्तीय बोझ को कम करना है.
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। pic.twitter.com/2zQHoTM1dE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2024
केंद्र सरकार का मानना है कि यह कदम चुनावों के आयोजन में एकरूपता लाने और सरकारी संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने में मदद करेगा. हालांकि, इस प्रस्ताव पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष का आरोप है कि इस तरह के प्रस्ताव से संघवाद पर हमला किया जा रहा है, क्योंकि इससे राज्य सरकारों की स्वतंत्रता और राज्यसभा की स्वायत्तता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
विपक्ष ने इस विधेयक के खिलाफ विरोध व्यक्त किया है. यह विधेयक देश की राजनीतिक संरचना और चुनावी प्रक्रिया को बदलने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बिल का किया समर्थन
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश की प्रगति के लिए है. 5 साल में एक बार चुनाव होगा. पहले भी ऐसे ही था. 1952 से पहले बहुत दशकों तक चुनाव ऐसे ही होते थे. कांग्रेस ने धारा 350 का उपयोग करके कई राज्यों की विधानसभाओं को भंग किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस पर बात करें, लेकिन सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना ठीक नहीं है.
#WATCH दिल्ली: ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ देश के प्रगति के लिए है। 5 साल में एक बार चुनाव होगा। पहले भी ऐसे ही था। 1952 से पहले बहुत दशकों तक चुनाव ऐसे ही होते थे। कांग्रेस ने अनुच्छेद 350 का उपयोग करके विधानसभा को भंग… pic.twitter.com/IaYSONjhGA
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