संभल में 46 साल बाद शिव मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. इस शिव मंदिर पर दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया था. एक व्यक्ति ने कमरा बना लिया तो दूसरे ने दरवाजा. वहीं कई मकानों के छज्जे भी मंदिर परिसर में बने हुए हैं. पुलिस की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी. साथ ही संभल जिलाधिकारी ने एएसआई को पत्र लिख कार्बन डेटिंग की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि संभल के खग्गू सराय स्थित प्राचीन शिव मंदिर भले सुरक्षित रहा, लेकिन दूसरे समुदाय के कई लोगों ने मंदिर के परिसर में कब्जा कर लिया था. एक व्यक्ति ने मंदिर परिसर में बैठक बना ली थी, तो वहीं दूसरे व्यक्ति ने दरवाजा बना लिया था. इसी तरह कई मकानों के छज्जे भी मंदिर परिसर में निकाल लिए गए थे. ताला बंद मंदिर पूरी तरह अतिक्रमण से घिरा हुआ था.
बीते रविवार को पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की निगरानी में नगर पालिका की टीम ने अतिक्रमण हटाया है. जो बैठक बना ली गई थी उसको तोड़ दिया है और दरवाजा बंद कर दिया है. इसी तरह जो छज्जे निकाले गए थे उनको भी तोड़ा दिया गया है. मंदिर के आस-पास हुए अतिक्रमण को भी हटाया गया है.
वहीं नए तरीके से बाउंड्री बनाई जाएगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था भी बन सके. सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे परिसर में लगाए गए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी बैठाए गए हैं. सुरक्षा की पूरी व्यवस्था कराई जाएगी.
जिलाधिकारी ने एएसआई को पत्र लिख कार्बन डेटिंग की मांग
इस कड़ी में जिलाधिकारी ने एएसआई को पत्र लिख कार्बन डेटिंग की मांग की है. प्राचीन शिव मंदिर पर लगभग 46 साल पहले ताला लगा तो कब्जा करने वालों के हौसले ही बुलंद होते चले गए, इसलिए किसी ने छज्जा निकाल लिया तो किसी ने दरवाजा बना दिया. समय के साथ यह कब्जा और ज्यादा बढ़ सकता था.
यह कब्जा शहर में अशांति का भी कारण बन सकता था. समय रहते पुलिस प्रशासन की ओर से यह पहल कर सभी विवादों को विराम दिया गया है. वहीं हिंदू समाज के लोग प्रशासन की इस पहल की खूब प्रशंसा कर रहे हैं.
मंदिर परिसर में बने कुएं खोले जाएंगे- जिलाधिकारी
जामा मस्जिद के नजदीक बने कुएं को भी खोला जाएगा, जिसे वर्षों पहले पाट दिया गया था
जामा मस्जिद पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है. इस ऐतिहासिक इमारत में कुएं भी बने हैं. इसमें एक कुएं को खोलने की तैयारी है. वहीं इस मामले में पालिका के ईओ का कहना है कि पालिका क्षेत्र में जितने भी कुएं हैं सभी को खोला जाएगा.इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
बता दें कि बीते दिनों जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई. इस मस्जिद पर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था. जिसको बाबर के शासन काल में तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया था. हालांकि, निचली अदालत की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में लाने के निर्देश हैं. जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है. मस्जिद का सर्वे पूरा हो चुका है. जिसकी सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी है.