कोलकाता: कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को महिला डॉक्टर से बलात्कार-हत्या मामले में जमानत दे दी. यह जमानत सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दायर न किए जाने के कारण दी गई, क्योंकि सीबीआई को 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया था कि संदीप घोष ने कथित तौर पर अस्पताल के ठेके प्राप्त करने के लिए दो आपराधिक गिरोहों की मदद की थी. हालांकि, विशेष अदालत ने चार्जशीट को रिकॉर्ड पर तो लिया, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी न मिलने के कारण उसने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
क्या है मामला?
संदीप घोष को अगस्त 2024 में गिरफ्तार किया गया था जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर का शव पाया गया. 9-10 अगस्त की रात संजय रॉय नाम के व्यक्ति पर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या करने का आरोप लगा था. जांच में हुई देरी पर तब के आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष पर सवाल उठे थे.
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इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया है. यह आदेश संस्थान के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया, जिन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अस्पताल में कथित वित्तीय कदाचार की जांच करने की अपील की थी.