मेरठ; जिले के थाना पल्लवपुरम क्षेत्र में एक महिला वैज्ञानिक को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 8.30 लाख रुपये. साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए यह ठगी की. महिला वैज्ञानिक को मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर डराया गया. जिसके बात महिला के खाते से 8.30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए. पीड़ित महिला ने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है.
सूत्रों के अनुसार, मेरठ दिल्ली रोड स्थित थाना पल्लवपुरम निवासी डॉ. निशा वर्मा भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक हैं. पीडिता ने बताया कि 10 दिसंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई. दूसरी तरफ से बोल रही महिला ने खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके नंबर से आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं.
आरोपियों ने एक निजी बैंक में उनके नाम से गलत गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि अधिक जानकारी के लिए साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में आपका कॉल ट्रांसफर कर रही हूं, वहां से क्लीरियंस ले लीजिए. इसके बाद व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल कर के साइबर अपराधियों ने कहा कि उसका मोबाइल मनी लांड्रिंग ओर मानव तस्करी में इस्तेमाल हो रहा है. 17 परिवार के बच्चों का अपहरण हो गया है, हमें उन्हें जवाब देना है. आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने उनसे कहा कि डिजिटल सर्विलांस की बात यदि आप किसी से बताएंगी तो आपके घर में भी बच्चा है, इसलिए इस बात को गुप्त ही रखें. पीड़ित महिला ने बताया कि साइबर ठगों ने इस बात को गुप्त न रखने पर तीन साल की जेल का ऑफिशियल लेटर भी बनाकर भेजा.
जिसके बाद पीडिता को डराते-धमकाते हुए उसके खाते से अलग-अलग खातों में 8.30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए. कुछ समय बाद जब पीड़ित महिला को ठगी का अहसास हुआ तो उसने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया.
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एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित महिला को 23 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया. पीडिता से 8 लाख से अधिक रुपयों की ठगी की गई है. इस मामले में अग्रिम जांच की जा रही है.