नई दिल्ली: अब तक अडानी मुद्दे पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस अब जॉर्ज सोरोस मामले में बैकफुट पर है. आज गुरुवार को संसद की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई भाजपा सांसदों ने जॉर्ज सोरोस को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान गिरिराज सिंह अपने हाथों में एक पोस्टर लिए हुए नजर आए, जिसमें कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और उद्योग पति जॉर्ज सोरेस की फोटो लगी थी और लिखा था ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है.’ भाजपा का आरोप है कि सोनिया और राहुल गांधी के संबंध जॉर्ज सोरेस से हैं.
बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में जॉर्ज सोरेस और कांग्रेस के बीच संबंध होने का आरोप लगाया था. इस दौरान सदन में जोरदार हंगामा हुआ था. नड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सोरेस से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस उप राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि राहुल और सोनिया गांधी का सोरोसे से क्या रिश्ता है?
कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
अमेरिका के प्रसिद्ध व्यवसायी जॉर्ज सोरोस दुनिया के सबसे चर्चित और विवादास्पद निवेशक माने जाते हैं. 93 वर्षीय सोरोस ने दुनियाभर में अपनी निवेशी रणनीति, राजनीतिक हस्तक्षेप और दिए गए विवादित बयानों के कारण जाना जाता है. सोरोस का जन्म 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से प्राप्त की.
1970 में जॉर्ज सोरोस ने क्वांटम फंड की स्थापना की, जो आगे बाद में वैश्विक निवेश और वित्तीय रणनीतियों के लिए प्रसिद्ध हो गया. लेकिन यहीं से उनका नाम विवादों से जुड़ गया. 1992 में सोरोस ने ब्रिटिश से कर्ज लेकर पाउंड को बेंच दिया. जिससे उन्हें करीब 1 अरब डॉलर का लाभ हुआ लेकिन पाउंड के ‘स्ट्रिंग डाउन’ होने के चलते ब्रिटेन की अर्थ व्यवस्था बैठने लगी. इस घटना को “Black Wednesday” के नाम से जाना जाता है. इसी के बाद से सोरोस को ‘ब्रिटेन का शत्रु’ भी कहा जाने लगा.
सोरोस वैश्विक राजनीति में भी प्रभाव डालने के लिए जाने जाते हैं. उन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दुनिया के विभिन्न देशों में सत्ता परिवर्तन करने पर खर्च करते हैं. धन के प्रभाव से वह चुनावी प्रक्रियाओं में प्रभाव डालते हैं.
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