नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को जनसंख्या बढ़ोतरी की दर में गिरावट पर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने ने देश के लोगों से अपील करते हुए कहा- फर्टिलिटी रेट को 2.1 के बजाए कम से कम 3 करना होगा. मोहन भागवत ने ये बात एक कार्यक्रम के दौरान कही.
मोहन भागवत ने जनसंख्या नीति पर इशारा करते हुए कहा- जनसंख्या नीति में भी कहा गया है कि देश की जनसंख्या वृद्धि दर यानि फर्टिलिटी रेट 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए. यदि समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो यह गायब होने के कगार पर पहुंच सकता है. उन्होंने ये भी कहा, 2.1 जनसंख्या वृद्धि दर बनाए रखने के लिए हमारे समाज को 2 से अधिक बच्चों की आवश्यकता है. जनसंख्या विज्ञान भी यही कहता है और हमारे देश के लोगों को भी ये समझना चाहिए.
VIDEO | RSS chief Mohan Bhagwat addresses a public gathering in Nagpur, Maharashtra.
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2024
कुल प्रजनन दर को लेकर क्या है भारत की रिपोर्ट?
भारत में कुल प्रजनन दर को लेकर कई सारी रिपोर्ट सामने आई हैं. इन रेपोटर्स से यह पता चलता है कि भारत की कुल प्रजनन दर धीमे- धीमे कम होती जा रही है. भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट 1950 में लगभग 6 से ज्यादा थी. जो अब कम होकर 2 के आसपास पहुंच गई है. यह देश के लिए एक बड़ी कमी है. जिससे यह पता चलता है कि भारत में औसतम अब कम बच्चे पैदा हो रहे हैं. जिससे भारत का टीएफआर स्तर काफी नीचे है, जिसका अर्थ है कि भारत की जनसंख्या वृद्धि लगातार धीमी हो रही है.
बात दें, प्रजनन दर में लगातार हो रही कमी से पॉजिटिव और नेगटिव दोनों ही प्रभाव हो सकते हैं. जितनी ही कम जनसंख्या उतनी ही ज्यादा प्रति व्यक्ति आय वृद्धि. परिवार में कम बच्चे होने से उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक ध्यान दे सकते हैं. वहीं, इसके नेगटिव प्रभाव भी है, जिसकी तरफ मोहन भागवत ने इशारा किया है.
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