नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से हिंदू समुदाय की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के साथ यह मामला उठाया है कि बांग्लादेश को अपने देश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम इस्कॉन को विश्व स्तर पर सम्मानित संगठन मानते हैं, जिसका सामाजिक सेवा में एक मजबूत रिकॉर्ड है। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी के संबंध में, हमने पहले ही एक बयान जारी कर दिया है। pic.twitter.com/UpKgqM4Auc
— Ajay Kumar Dwivedi (Journalist) (@AjayDwi65357304) November 29, 2024
जायसवाल ने स्पष्ट किया कि जहां तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति का सवाल है, हमने अपना विरोध स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है. बांग्लादेश से हम यह उम्मीद करते हैं कि वे अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए जिम्मेदारी लें और उन्हें सुरक्षा प्रदान करें.
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर दी प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में इस्कॉन के सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस्कॉन को एक विश्वस्तरीय प्रतिष्ठित और समाज सेवा में सक्रिय संगठन मानता है. उन्होंने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, हम आशा करते हैं कि इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा, ताकि संबंधित व्यक्तियों के साथ पूरी इज्जत का व्यवहार किया जाए.
बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं पर चिंता
भारत ने बांग्लादेश में बढ़ती आक्रामक बयानबाजी, हिंसा और उकसावे की घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की. रणधीर जायसवाल ने कहा कि इन घटनाओं को केवल मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाने का बहाना बनाकर खारिज नहीं किया जा सकता. उन्होंने एक बार फिर बांग्लादेश से आह्वान किया कि वह अपने अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए.
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भारत-बांग्लादेश के व्यापार संबंध मजबूत
विदेश मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि भारत और बांग्लादेश के बीच वस्तुओं की आपूर्ति का सिलसिला जारी है. दोनों देशों के बीच व्यापार अच्छे स्तर पर चल रहा है और यह दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने में सहायक है. भारत की ओर से बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की रक्षा और शांति बनाए रखने की अपील, दोनों देशों के बीच संवेदनशील मुद्दों पर लगातार संवाद को दर्शाती है.