लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने आगामी 4 दिसंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में एक अहम प्रस्ताव पेश करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत 100 वर्ग मीटर यानी (1076.39 वर्ग फीट) या इससे बड़े भूखंडों पर मकान बनाने के लिए एक किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाएगा. बिना सोलर सिस्टम के मकान का नक्शा पास नहीं किया जाएगा, जिससे सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा.
अब तक, 500 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों पर मकान बनाने के लिए सोलर गीजर लगाना अनिवार्य था. इस नियम के तहत एलडीए केवल उन्हीं मानचित्रों को पास करता था, जिनमें आवेदक यह शपथपत्र देता था कि वह अपने मकान में सोलर गीजर लगाएगा.
अब नई व्यवस्था के अनुसार, 100 वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंड पर मकान बनाने के लिए सोलर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा. यह शर्त मकान के मानचित्र के साथ जोड़ी जाएगी, यानी आवेदक को इसके लिए शपथपत्र देना होगा. यदि जांच में सोलर सिस्टम नहीं पाया जाता है, तो मानचित्र निरस्त कर दिया जाएगा.
जमानत राशि की व्यवस्था
200 वर्ग मीटर और उससे बड़े भूखंडों पर सोलर सिस्टम लगाने की शर्त के साथ जमानत राशि भी ली जाएगी. इसके अनुसार, 200 से 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 20 हजार रुपये की जमानत राशि ली जाएगी. जबकि 500 से 1000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 50 हजार रुपये की जमानत, 1000 से 5000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 1 लाख रुपये की जमानत. 5000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर 2 लाख रुपये की जमानत राशि ली जाएगी.
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सोलर पैनल की लागत पर मिलने वाला सरकारी अनुदान
एक किलोवाट का सोलर पैनल लगाने पर अनुमानित खर्च 60,000 रुपये तक आता है. हालांकि, केंद्र सरकार 30,000 रुपये और राज्य सरकार 15,000 रुपये का अनुदान देती है. इस प्रकार से एक किलोवाट का सोलर पैनल लगवाने पर सिर्फ लाभार्थी को 15 हजार ही खर्च करने होंगे, बाकी सरकार से अनुदान सीधे उसके बैंक खाते में भेजा जाएगा.