वाराणसी: वाराणसी कचहरी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की 17वीं बरसी पर शनिवार को अधिवक्ताओं ने मृतक साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कैंडल मार्च निकाला. 23 नवम्बर 2007 को हुए इस आतंकवादी हमले में नौ लोगों की जान चली गई थी, जिसमें तीन अधिवक्ता भोला सिंह, ब्रह्म प्रकाश शर्मा और बुद्धिराज वर्मा शामिल थे. इस हमले में 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अधिवक्ताओं की आंखें नम हो गईं और उन्होंने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए आक्रोश व्यक्त किया. बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सीरियल बम ब्लास्ट के बाद कई सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन आज भी कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं की जा सकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि कचहरी ब्लास्ट के गुनहगारों को अब तक चिन्हित नहीं किया गया और उन्हें सजा दिलाने में सरकारें पूरी तरह नाकाम रही हैं.
नित्यानंद राय ने बताया कि 23 नवम्बर 2007 को कचहरी में सामान्य कार्य चल रहा था, जब अचानक एक धमाका हुआ और अधिवक्ता भोला सिंह समेत कई लोग बुरी तरह घायल हो गए. बाद में कलेक्ट्रेट में भी धमाका हुआ, जिसमें कई और लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई. इस हमले के पीछे संभवतः अवधेश राय हत्याकांड के गवाहों को डराने की साजिश हो सकती है, ताकि मुकदमे की प्रक्रिया प्रभावित की जा सके.
उन्होंने कहा कि अगर बम ब्लास्ट न होता तो अवधेश राय हत्याकांड के आरोपियों को सजा मिल चुकी होती. ब्लास्ट के बाद ही इस मामले की सुनवाई में 16 साल का विलंब हुआ, जिससे आरोपियों को फायदा हुआ.
बता दें, उत्तर प्रदेश में 23 नवंबर 2007 को यह सीरियल ब्लास्ट की घटनाएं उत्तर प्रदेश के लखनऊ, फैजाबाद (अब अयोध्या) और वाराणसी में कचहरी व कलेक्ट्रेट में हुई थी, जिसमें पहले पुलिस फिर आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा जांच की गई थी.
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