नई दिल्ली: मणिपुर में बढ़ते हिंसा और तनाव के बीच एनडीए के 27 विधायकों ने कुकी आतंकियों के खिलाफ एक कठोर ‘मास ऑपरेशन’ की मांग की है. यह प्रस्ताव हाल की हिंसा के बाद उठाया गया है, जिसमें जीरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. सोमवार (18 नवंबर 2024) की रात आयोजित एक बैठक में इन विधायकों ने राज्य सरकार से सात दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई की मांग की है.
विधायकों की मांग के अनुसार, कुकी आतंकियों को ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया जाए. विधायकों ने केंद्र से अपील की है कि कुकी आतंकियों को जल्द से जल्द ‘गैरकानूनी संगठन’ के रूप में घोषित किया जाए, ताकि उन्हें कानून के तहत कड़ी सजा मिल सके. विधायकों ने इस मामले की जांच के लिए NIA को जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है.
विधायकों का कहना है कि इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखा जाना चाहिए और इसकी जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवाई जानी चाहिए. साथ ही विधायकों ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) की फिर से समीक्षा करने की मांग की है. यह कानून 14 नवंबर 2024 को एक आदेश के माध्यम से मणिपुर से हटा लिया गया था, अब इसे पुनः लागू करने का अनुरोध किया गया है.
विधायकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर सात दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे मणिपुर के नागरिकों से परामर्श करके अगला कदम तय करेंगे. इसके अलावा, उन्होंने राज्य के मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की है और उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने का आग्रह किया है.
वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकारे शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगी. हालांकि, बैठक में कुछ विधायक स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रहे, जबकि कुछ ने अपनी अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के समर्थन में कमी पर सवाल उठाया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर के संकट को लेकर गंभीरता से हस्तक्षेप करने की मांग की. रमेश ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा एनडीए विधायकों की बुलाई गई बैठक में केवल 26 विधायक ही शामिल हुए, जबकि मणिपुर विधानसभा में कुल 60 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार मणिपुर की पीड़ा को गंभीरता से ले रही है?
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