लखनऊ; मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बैठक के दौरान बताया कि दिसंबर 2026 में उत्तर प्रदेश देश को पहली नाइट सफारी का उपहार देगा. राजधानी लखनऊ में विकसित की जा रही यह नाइट सफारी देश और दुनिया के प्रकृति प्रेमियों के लिए एक नया रोमांचक केन्द्र होगा. यह दुनिया की पांचवीं नाइट सफारी होगी.
बता दें कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आज मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर सम्पन्न एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रस्तावित कुकरैल नाइट सफारी पार्क एवं वन्य जीव केन्द्र (जू) की योजना की समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस नाइट सफारी का निर्माण कार्य हर हाल में जून, 2026 तक पूरा कर लिया जाए.
नाइट सफारी व चिड़ियाघर के लिए वन्य जीवों को लाने की समुचित व्यवस्था प्रारंभ कर दी जाए. साथ ही चिड़ियाघर (जू) की आर्थिक व्यवस्था के लिए सस्टेनेबल मॉडल विकसित किया जाए. वहीं 72 फीसदी एरिया में ग्रीनरी विकसित की जाए और यहां सौर ऊर्जा के प्रकल्पों को भी स्थान दिया जाए.
सीएम योगी ने कहा कि नाइट सफारी प्रोजेक्ट राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसके निर्माण के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त हो गई है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2026 में देश को पहली नाइट सफारी का उपहार मिल जाएगा. नाइट व डे सफारी का निर्माण चरणबद्ध रूप से होगा. लखनऊ में यह लगभग 900 एकड़ से अधिक में फैली होगी.
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी का निर्माण हो जाने के पश्चात यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर आ जाने के फलस्वरूप विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी. कुकरैल नाइट सफारी परियोजना को लखनऊ स्थित अन्य पर्यटन स्थलों से भी जोड़ा जाएगा. नाइट सफारी के 72 फीसदी एरिया को ग्रीनरी में विकसित किया जाएगा.
नाइट-डे सफारी की होगी यह विशेषता
नाइट सफारी क्षेत्र में इंडियन वॉकिंग ट्रे, इंडियन फुटहिल, इंडियन वेटलैंड, एरिड इंडिया व अफ्रीकन वेटलैंट की थीम पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्र मुख्य आकर्षण होंगे. पर्यटकों द्वारा नाइट सफारी पार्क के अवलोकन हेतु 5.5 किमी. ट्रामवे तथा 1.92 किमी. का पाथवे माध्यम से किया जाएगा. नाइट सफारी में मुख्यतः एशियाटिक लॉयन, घड़ियाल, बंगाल टाइगर, उड़न गिलहरी, तेंदुआ, हॉयना आदि मुख्य आकर्षण होंगे.
कुकरैल नाइट सफारी परियोजना के अंतर्गत विश्व स्तरीय वन्य जीव चिकित्सालय व रेस्क्यू सेंटर का निर्माण भी प्रस्तावित है. कुकरैल वन क्षेत्र में स्थापित होने वाले जू में कुल 63 इनक्लोजर बनाए जाएंगे. चिड़ियाघर (जू) में सारस क्रेन, सांप, हिरण, हिमालयन भालू, साउथ अफ्रीकन जिराफ, अफ्रीकन लॉयन व चिंपाजी मुख्य आकर्षण होंगे. चिड़ियाघर (जू) को अफ्रीकन सवाना, इनक्रेडिबल इंडिया, इंजीनियर्ड वेटलैंड नामक थीम क्षेत्रों पर विकसित किया जाएगा.
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