मुजफ्फरनगर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के कांवड़ यात्रा पर दिए गए बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. शौकत अली ने कुदरकी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब मुसलमान नमाज पढ़ने के लिए सड़क पर आते हैं तो उन्हें आपत्ति का सामना करना पड़ता है. जबकि कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस कांवड़ियों के पैर धोती है. नेशनल हाईवे को दो महीने के लिए बंद कर दिया जाता है.
AIMIM नेता ने कहा कि कांवड़ियों के द्वारा शराब और चिलम लेकर यात्रा करने के बावजूद पुलिस उनके ऊपर फूल बरसाती है, जिससे कथित भेदभाव की भावना उत्पन्न होती है. शौकत अली ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि इस देश की सड़कें केवल एक समुदाय की नहीं हैं न ही बीजेपी के खजाने से बनी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच भेदभाव कर रही है.
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इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने AIMIM की विचारधारा को जहरीली बताते हुए शौकत अली के बयान को हिंदू समाज का अपमान करार दिया है. त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि विपक्षी पार्टियां, विशेषकर सपा और कांग्रेस, शौकत अली के इस बयान पर चुप क्यों हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष हिंदू विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दे रहा है. यह बयान उस समय आया है जब उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव है. शौकत अली के इस बयान ने प्रदेश में सियासी माहौल कौ गर्म कर दिया है.