अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामलला का तिलकोत्सव चढ़ाया गया. सोमवार को माता सीता के मायके जनकपुर से सोने-चांदी के आभूषण और विभिन्न प्रकार के नेग लेकर अयोध्या पहुंचे तिलकहरुओं ने विधिपूर्वक श्री रामलला का तिलक चढ़ाया. इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने महाराजा दशरथ की भूमिका निभाई. जबकि राजा जनक की भूमिका में नेपाल के मधेश प्रदेश के सीएम सुरेश सिंह ने सभी रस्मों को पूरा किया. इसी के साथ रामलला के विवाह पंचमी महोत्सव का आगाज हो गया है. तिलक समारोह के दौरान जनकपुरी से आईं माता सीता की सहेलियों ने मंगल गीत गए. शाम होते ही जमकर आतिशबाजी भी हुई.
अयोध्या धाम – प्रभु श्री रामलला का तिलकोत्सव
प्रभु के अपने राजप्रासाद में पधारने के पश्चात के प्रथम विवाहोत्सव से पूर्व इस बार प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव का आयोजन हुआ. इस हेतु जनकपुर स्थित माता सीता के राजमहल से तिलक सामग्री आई है.
प्रभु श्रीराम की ससुराल जनकपुर धाम से पहली बार… pic.twitter.com/22hd0w5bMF— VSK BHARAT (@editorvskbharat) November 18, 2024
चंपत राय ने बताया कि त्रेता युग में अयोध्या से भगवान राम की बारात जनकपुर गई थी. उस दिन विवाह पंचमी तिथि थी. वही परंपरा इस बार भी मनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष विवाह पंचमी पर जनकपुर और अयोध्या के मंदिरों में बड़े आयोजन होते हैं. विश्व हिंदू परिषद 2004 से अयोध्या से भगवान राम की बारात लेकर जनकपुर पहुंचता है. यह परंपरा हर पांच वर्ष में होती है. इस बार 2024 में अयोध्या से श्रीराम की बारात 26 नवंबर को जनकपुर के लिए निकलेगी और 3 दिसंबर को जनकपुर पहुंचेगी. विवाह के कार्यक्रम 4, 5 और 6 दिसंबर को आयोजित होंगे, जबकि 7 दिसंबर को समापन के बाद 8 दिसंबर को बारात वापस अयोध्या लौटेगी.
नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों का पुनरुद्धार
अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि रामलला का तिलक उत्सव संपन्न हुआ है. नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सुरेश सिंह, जनकपुर के मेयर सहित 400 लोग तिलक लेकर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि त्रेता युग से हमारे भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं. जो आज से पुनर्जीवित हो गए हैं.
भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध- सुरेश सिंह
नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सुरेश सिंह ने तिलकोत्सव में शामिल होने के बाद कहा कि नेपाल और भारत के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता हमेशा से रहा है. श्री रामलला का भव्य मंदिर बनने के बाद अब यह रिश्ता और मजबूत हो गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सीता के बिना राम अधूरे हैं, अब लोग रामलला के दर्शन के साथ-साथ माता सीता के दर्शन के लिए भी जनकपुर आएंगे.
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नेपाल सरकार सीता सर्किट का कराएगी निर्माण
मुख्यमंत्री सुरेश सिंह ने यह भी बताया कि नेपाल सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीता सर्किट निर्माण करने पर विचार कर रही है. जैसा कि भारत में रामायण सर्किट है, वैसे ही सीता सर्किट को भी बनाया जाएगा. बता दें कि अब 26 नवंबर को श्रीरामलला की बारात अयोध्या से जनकपुर जाएगी. इस ऐतिहासिक यात्रा के साथ दोनों देशों के बीच सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का पुनर्निर्माण होगा.