कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर एक हैरान करने वाली घटना घटी, जहां एक पिता को अपने बेटे को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाने के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा. कानपुर शहर के रहने वाले रामविलास यादव अपने बेटे को दिल्ली भेजने के लिए वंदे भारत ट्रेन में बिठाने रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. इस दौरान वह अपने बेटे को बैठाने के लिए ट्रेन पर चढ़ें. लेकिन जब वह पुत्र को बैठाकर ट्रेन से नीचे उतर रहे थे, तभी अचानक दरवाजे बंद हो गए और ट्रेन चढ़ पड़ी. चाहते हुए भी पिता को दिल्ली तक का सफर तय करना पड़ा. इतना ही नहीं रेलवे ने रामविलास यादव पर बिना टिकट यात्रा करने को लेकर 2,870 रुपए का जुर्माना भी लगाया.
घटना के अनुसार, रामविलास और उनका बेटा प्लेटफार्म नंबर 1 पर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही ट्रेन संख्या 22415, वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर पहुंची तो दोनों ने C-6 चेयर पर चढ़ने के बाद ट्रेन में अपना सामान रखा. तभी, ट्रेन के दरवाजे बंद होने का अनाउंसमेंट हुआ. रामविलास जैसे ही दरवाजे तक पहुंचे, दरवाजे बंद हो गए और ट्रेन चल पड़ी. उन्होंने लोको पायलट के पास जाकर अपनी समस्या बताई, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी. इसके बाद चेकिंग स्टाफ ने बिना टिकट यात्रा करने पर उनका चालान काटते हुए 2870 रुपए जुर्माना वसूल लिए.
रेलवे प्रशासन ने इस घटना के बाद वंदे भारत ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है. रेलवे ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन में स्वचलित दरवाजे लगाए गए हैं जो ट्रेन के चलने से पहले बंद हो जाते हैं और अगले स्टॉप पर ही खुलते हैं. यह सुरक्षा कारणों से किया गया है, ताकि ट्रेन में वही लोग रहें जो यात्रा करना चाहते हैं.
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कानपुर सेंट्रल स्टेशन के अधीक्षक अवधेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों के दरवाजे सेंसर आधारित होते हैं और उन्हें अचानक से खोलने का विकल्प नहीं होता. दरवाजों का कंट्रोल केवल चालक के पास होता है. साथ ही, ट्रेन के स्टाफ को भी दरवाजों की कमान दी जाती है. यात्रियों से अपील की गई है कि वे इस बात का ध्यान रखें और यात्रा से पहले समय पर ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करें.