शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. त्याग पत्र में उन्होंने अपनी पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए समर्थन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मेरे नेतृत्व में विश्वास जताया और पूरे कार्यकाल के दौरान मेरा साथ दिया.
रूटीन प्रक्रिया के तहत इस्तीफा: दलजीत सिंह चीमा
शिअद के नेता दलजीत सिंह चीमा ने सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे को एक रूटीन पार्टी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि 2019 में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव हुआ था और उनका पांच साल का कार्यकाल 14 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए अध्यक्ष पद पर नया चुनाव होगा. चीमा ने यह भी कहा कि इस्तीफा पार्टी की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और वर्किंग कमेटी की बैठक में इसे लेकर चर्चा की जाएगी.
बगावत करने वालों को किया खारिज
पार्टी के भीतर कुछ नेताओं द्वारा सुखबीर सिंह बादल से इस्तीफा मांगने के बारे में सवाल उठाते हुए दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि वे गलत थे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज की पार्टी लीडरशिप में अधिकांश लोग सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं. आगामी दिसंबर में होने वाले चुनाव में पार्टी के नेता अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं.
16 साल तक शिअद के अध्यक्ष रहे बादल
सुखबीर सिंह बादल ने 2008 में शिरोमणि अकाली दल की अध्यक्षता संभाली थी और 16 साल तक इस पद पर रहे. उनके नेतृत्व में शिअद ने कई महत्वपूर्ण चुनावी सफलता प्राप्त की. उनसे पहले उनके पिता प्रकाश सिंह बादल ने पार्टी की कमान संभाली थी. प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री और कई बार विधायक और सांसद भी चुने गए थे.
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उपचुनाव से पहले इस्तीफा
सुखबीर सिंह बादल ने अपना इस्तीफा ऐसे समय में दिया है जब पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इस्तीफे के बाद पार्टी में नए अध्यक्ष का चुनाव महत्वपूर्ण होगा और यह देखना होगा कि शिरोमणि अकाली दल का नया नेतृत्व किसे सौंपा जाता है.