नोएडा: उत्तर प्रदेश के जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग टेस्टिंग को डीजीसीए (DGCA) की अनुमति न मिलने के कारण फिलहाल टाल दिया गया है. पहले 15 नवंबर से लैंडिंग टेस्टिंग शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन अब 30 नवंबर को टेस्टिंग की अनुमति दी गई है.
जेवर एयरपोर्ट के अधिकारियों ने पहले 15 नवंबर से लैंडिंग टेस्टिंग शुरू करने की योजना बनाई थी, जिसमें हर दिन तीन विमानों की लैंडिंग कराई जानी थी. हालांकि, डीजीसीए (DGCA) ने फिलहाल इसे टालते हुए कहा कि अभी लैंडिंग की आवश्यकता नहीं है. अब 30 नवंबर से डीजीसीए के आदेश के बाद पूरी क्रू टीम के साथ लैंडिंग टेस्टिंग का ट्रायल किया जाएगा.
जेवर एयरपोर्ट के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर लैंडिंग टेस्टिंग की प्रक्रिया अब 30 नवंबर से शुरू होगी, जब सभी परीक्षण पूरी तरह से तैयार होंगे. उन्होंने बताया कि डीजीसीए की ओर से लैंडिंग कराने की अनुमति मिलने के बाद ही टेस्टिंग का ट्रायल शुरू होगा.
बता दें, जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार हो चुका है और टर्मिनल बिल्डिंग तथा एटीसी टावर का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. टर्मिनल फिनिशिंग का काम जारी है और एयरपोर्ट पर कैट I और कैट III उपकरण लगाए गए हैं, जो घने कोहरे में भी विमानों की लैंडिंग को आसान बनाएंगे.
वहीं, माना जा रहा है कि टिकट बुकिंग फरवरी 2025 से शुरू होगी, और ऑपरेशन 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. जेवर एयरपोर्ट के पहला चरण का कर्या पूरा होते ही एयरपोर्ट 2025 में यात्री उड़ानों के लिए तैयार हो जाएगा. फिलहाल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की लैंडिंग टेस्टिंग के लिए 30 नवंबर तक इंतजार करना होगा, हालांकि बाकी तैयारियां पूरी गति से जारी हैं.
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