लखनऊ; पशुपालन विभाग में कार्यरत दैनिक श्रमिक अपने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चिच कालील धरने पर हैं. श्रमिकों का यह धरना राजधानी लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग निदेशक कार्यालय परिसर में जारी है. बीते 3 दिनों से जारी दैनिक श्रमिकों का यह धरना कब तक चलेगा, इसको लेकर कुछ निश्चित नहीं है. धरने पर पुरुष श्रमिकों के साथ प्रदेश के करीब 12 कृषि प्रक्षेत्रों से महिला श्रमिक भी पशुपालन विभाग निदेशक कार्यालय में डटी हुई हैं.
क्या हैं दैनिक श्रमिकों की मांगें?
यह धरना दैनिक श्रमिक संघ पशुपालन विभाग यूपी संगठन के बैनर तले आयोजित किया जा रहा है. दैनिक श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन अबकी बार हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हम यहां से नहीं हटेंगे. श्रमिक नेता ओमप्रकाश बताया कि हमारी मांग है कि वर्तमान में पशुपालन विभाग के प्रक्षेत्रों एवं कार्यालय में कार्यरत समस्त दैनिक श्रमिकों 237 रुपये प्रतिदिन की दर से हर माह 6,162 रुपये दिए जा रहे हैं, जो कि बहुत ही कम है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को कम से कम 18,000 रुपये प्रतिमाह दिया जाना चाहिए.
लखनऊ; पशुपालन विभाग के दैनिक श्रमिक अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे, निदेशक कार्यालय परिसर में प्रदर्शन जारी pic.twitter.com/z6h7bhqxVB
— Piyush shukla (@piyushshukla97) November 14, 2024
ओमप्रकाश ने बताया कि हमारी दूसरी मांग है कि कृषि प्रक्षेत्रों पर कार्यरत सभी दैनिक श्रमिकों का वर्ष 2001 तक वर्ष 2017 में विनियमितीकरण किया गया था. तब से अब तक वर्तमान में दैनिक श्रमिक के रूप में कार्य करते कम से कम 15 से 20 वर्ष पूर्ण हो गए हैं, जिसे अब समस्त कार्यरत दैनिक श्रमिकों को विनियमितीकरण किया जाना आवश्यक है.
श्रमिक संगठन की तीसरी मांग है कि प्रक्षेत्रों पर कार्यरत सभी दैनिक श्रमिकों को आकस्मिक दुर्घटना बीमा दिया जाय. जबकि चौथी मांग है कि प्रक्षेत्रों पर कार्यरत सभी दैनिक श्रमिाकों को भविष्य निधि का लाभ दिया जाए. वहीं, पांचवी मांग के अनुसार, प्रक्षेत्रों पर कार्य कर रहे सभी दैनिक श्रमिकों को प्रतिवर्ष दीपावली के पर्व पर सरकार की तरफ से बोनस दिया जाए एवं विभाग या कार्यालय की तरफ से पहचान पत्र दिया जाए.
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24 घंटे धरने पर डटे दैनिक श्रमिक
फिलहाल बीते 3 दिनों से दैनिक श्रमिक पशुपालन विभाग निदेशक कार्यालय में धरने पर डटे हुए हैं. यहीं पर प्रदर्शनकारी श्रमिक सामूहिक रसोई के माध्यम से भोजन भी बना रहे हैं. श्रमिक संगठन के नेताओं का कहना है कि वह पशुपालन विभाग में कार्य करते हैं, यही कारण है कि 3 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी ने हमारी समस्याओं की सुनवाई नहीं की है. यह बिल्कुल भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है.