अयोध्या; श्रीराम लला को अगहन मास की पंचमी तिथि यानी 20 नवंबर से गरम वस्त्र व रजाई उढ़ाई जाएगी. उसी दिन से गुनगुने जल से स्नान भी प्रारंभ कराया जाएगा. साथ ही भोग में से ठंडी चीजें हटाई जाएंगी. आवश्यकतानुसार कंबल अथवा रजाई का उपयोग किया जाएगा.
बता दें कि आयोध्य में श्रीराम लला बाल स्वरूप में विराजमान हैं. उनकी सेव एक छोटे बालक की तरह की जाती है. उनके खान-पान से लेकर उनके वस्त्रों तक का भी ध्यान रखा जाता है. साथ ही सर्दियों में प्रभु को ठंड न लगे इसके लिए गरम वस्त्रों की भी व्यवस्था की जाती है. हर साल श्रीराम लला की सेवा और व्यवस्था मौसम के अनुसार होती है.
इस बार यह पहला अवसर है की राम लला अपने नए मंदिर में विराजमान हैं. ऐसे में प्रभु को ठंड से बचाने के लिए 20 नवंबर से गरम वस्त्र व रजाई उढ़ाई जाएगी. यह जानकारी आज शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास महाराज ने दी है.
मुख्य अर्चक ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ-साथ जैसे हम लोगों के खान-पान, पहनावे में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है, वैसे ही प्रभु राम लला के भोग और वस्त्रों में भी बदलाव किया जाता है. आम तौर पर अगहन की पंचमी से श्री विग्रह को रजाई उढ़ाई जाती है. तभी से प्रभु को स्नान कराने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग किया जाता है. इसी अनुसार भोग में सर्द चीजें हटाकर हल्का स गरम भोग तैयार किया जाता है. अधिक ठंड बढ़ने पर ब्लोवर भी लगाया जाता है.
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