नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन की पार्टियों पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आज गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के निरस्त होने के बाद अब गठबंधन के दल इसे फिर से लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है.
स्मृति ईरानी ने यह भी कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर के दलितों और आदिवासियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें धारा 370 की समाप्ति के बाद आरक्षण और अन्य लाभ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को फिर से लागू करने का प्रस्ताव पास करना देश को तोड़ने की मानसिकता को दर्शाता है.
#WATCH दिल्ली: भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कहा, “कल INDI गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान का गला घोंटने की हिमाकत की… कल INDI गठबंधन ने जो प्रस्ताव पारित किया है, उसके तहत वे जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान के खिलाफ एक नई जंग लड़ते दिख रहे हैं। आज मैं INDI गठबंधन के… pic.twitter.com/1POfLz1ZRP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2024
ईरानी ने कहा कि धारा 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में व्यापक सुधार हुए हैं. वहां महिलाओं, आदिवासियों व अन्य वर्गों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है. विपक्ष द्वारा जम्मू-कश्मीर में आदिवासी समुदाय को मिलने वाले आरक्षण जैसे अधिकारों को वापस लेने की कोशिश करना, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ है.
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से जोड़ा
स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे को महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि इन राज्यों में आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी रहती है. इस प्रस्ताव का इन राज्यों पर भी असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र में भाजपा और जेएमएम गठबंधन दोनों ही आदिवासी समुदायों के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे समय में इस तरह का प्रस्ताव जनता के बीच भ्रम पैदा करेगा.
महिलाओं के खिलाफ है धारा 370 का प्रस्ताव
स्मृति ईरानी ने यह भी आरोप लगाया कि धारा 370 को फिर से लागू करने की बात महिलाओं के खिलाफ भी है. उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के निरस्त होने के बाद महिलाओं को संपत्ति अधिकार और अन्य अधिकार मिले हैं. इस प्रस्ताव को फिर से उठाना महिलाओं के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है.
विकास के एजेंडे को भ्रमित करने की कोशिश
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रस्ताव में जो अधिकार आम जनता को देने की बात की जा रही है, वे पहले ही जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को दिए जा चुके हैं. उनका कहना था कि इस तरह के प्रस्ताव से विकास के एजेंडे को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है और यह केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की एक चाल है.
भाजपा ने विपक्ष को चुनौती दी
भाजपा ने इस मुद्दे पर विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं को महाराष्ट्र और झारखंड में इस मुद्दे को उठाने की चुनौती दी है. भाजपा ने कहा है कि विपक्षी दल इन राज्यों में आदिवासी समुदायों के बीच यह मुद्दा उठाकर दिखाएं, ताकि लोगों को यह समझ में आ सके कि उनके लिए कौन सा दल सही है.
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जम्मू कश्मीर विधानसभा में पास हुआ था धारा 370 बहाली प्रस्ताव
बुधवार को जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया था. जो पास भी हो गया है. हालांकि इस प्रस्ताव का भाजपा विधायकों सदन में जमकर विरोध किया था. BJP विधायकों ने विरोध करते हुए प्रस्ताव की कॉपियों को फाड़ डाला था और वेल में पहुंच कर खूब नारेबाजी की थी. भारी हंगामें को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही आज गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. वहीं आज जब जम्मू कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई तब भी भारी हंगामा देखने को मिला.