लखनऊ; उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों द्वारा पोस्टर-होर्डिंग वॉर के बीच, अब उन पर लिखे स्लोगनों (नारा) पर नेताओं द्वारा कटाक्ष का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के स्लोगन को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा कि उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है.
बात दें कि आज शनिवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ के जरिए एक पोस्ट में लिखा कि ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है. इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनकी जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं. इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं.
‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद, उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताकतवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमजोरी की ही बातें कर रहे हैं. जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है, ‘भय’ नहीं. ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा.
उनका ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है।
इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होनेवाला नहीं।
‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है, दरअसल…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 2, 2024
साथ ही उन्होंने लिखा कि देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आखिरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा. देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नज़र और नज़रिये के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए, ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा. एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें, साथ ही बाहों को भी, इसी में उनकी भलाई है.
उल्लेखनीय है कि यूपी की नौ सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी ने ‘बटोगे तो कटोगे’ का नारा दिया है. इस नारे के सामने आने के बाद से समाजवादी पार्टी की तरफ से जनता को साधने के लिए लगातार नारे दिए जा रहे हैं. इनमें दो दिन पूर्व ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ की होर्डिंग सपा मुख्यालय के बाहर लगवाई गई है. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी भाजपा के नारे को लेकर लगातार मीडिया में अलग-अलग बयान देकर बटेंगे तो कटेंगे पर कटाक्ष कर रहे हैं.