लखनऊ; शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर से अपने नाम में बदलाव किया है. रिजवी ने 2021 में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था. तब उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रखा था. त्यागी ब्रह्माण जाति का उपनाम था. अब वसीम रिजवी ने एक बार फिर से अपने नाम में बदलाव किया है. रिजवी ने कहा कि अब वह ‘ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर’ के नाम से जाने जाएंगे.
नाम में बदलाव करने के बारे में जानकारी देते हुए वसीम रिजवी ने कहा कि मैंने यह बदलाव अपने पुराने मित्र और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभात सिंह सेंगर के साथ संबंधों के चलते किया है. प्रभात सेंगर की मां यशवंत कुमारी सेंगर ने उन्हें कानूनी हलफनामे के जरिए अपने बेटे के रूप में अपनाया है. हालांकि, रिजवी ने स्पष्ट किया कि वह यशवंत कुमारी सेंगर की संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं लेंगे.
2021 में इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने के बाद रिजवी के परिवार ने उनसे नाता तोड़ लिया था. साथ ही उनके खिलाफ कई फतवे भी जारी हुए थे. रिजवी ने कुरान की 26 आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी. उन्होंने अपने हलफनामें में यह दावा किया था कि इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है.
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वसीम रिजवी के इस दावे से मुस्लिम समुदाय में काफी विवाद पैदा हो गया था. साथ ही वसीम रिजवी के परिवार में भी उथल-पुथल मच गई थी. जिसके चलते मां, भाई, पत्नी और बेटों ने रिजवी से सभी प्रकार के संबंधों को खत्मकर लिया था. हालांकि, अब उन्हें ‘सेंगर परिवार’ के रूप में एक नया परिवार मिला है. जिसके बाद वह ब्राह्मण समुदाय से ठाकुरों में शामिल हो गए हैं.