मथुरा- दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं, हमारे देश के समाज में रूढ़िवादिता की वजह से विधवा को अशुभ मन जाता है. ऐसे में विधवा महिलाएं न किसी त्योहार का आनंद ले सकती हैं और न ही किसी शुभ अवसर में शामिल हो सकती हैं. लेकिन ऐसे में उत्तर प्रदेश में श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में दिवाली के मौके पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां पर हजारों की संख्या में विधवा महिलाओं ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया.
मंगलवार को वृंदावन के यमुना घाट पर हजारों की संख्या में विधवा महिलाओं ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया. यहां के केशी घाट पर विधवा महिलाओं ने फूलों की रंगोली के साथ दीप जलाकर दिवाली मनाई. इस कार्यक्रम का आयोजन शहर स्थित एनजीओ ‘सुलभ होप फाउंडेशन’ ने किया था.
इस कार्यक्रम में शहर के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से भी विधवा महिलाएं शामिल हुई थीं. इन महिलाओं को विधवा होने के बाद या तो उनके घरवालों ने निकाल दिया था, या तो उन्हें उनके घर से दूर कहीं भेज दिया था. इन महिलाओं ने कार्यक्रम में सफेद साड़ी पहनकर रंग-बिरंगे फूलों के साथ रंगोली बनाई और उसके बाद दीप प्रज्ज्वलित करके दिवाली का त्योहार मनाया. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की 70 वर्षीय छवि दासी भी मौजूद थीं.
छवि दासी ने बताया, इस दिवाली ने शादी के बाद के दिनों और उनके बचपन के दिनों की याद दिला दी. जब वे बिना किसी रोक-टोक के सारे त्योहार मानती थीं. इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में मौजूद रतामी ने बताया, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो फिर कभी दिवाली का त्योहार मना पाएंगी. इस कार्यक्रम के दौरान सभी विधवा महिलाओं के चेहरे पर काफी खुशी देखने को मिली.
एनजीओ की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया, हिन्दू समाज की खराब नीतियों से लड़ने के लिए इस एनजीओ के फाउन्डर स्वर्गिक बिंदेश्वर पाठक ने कुछ अहम फैसले लिए थे. इन फैसलों में वृंदावन में दिवाली और होली का त्योहार मनाना शामिल है. हमारा एनजीओ लगातार पिछले 12 वर्षों से ये त्योहार मनाता आ रहा है. इस त्योहार के उत्सव में हजारों की संख्या में विधवा महिलाएं शामिल होती हैं. जो देश के अलग-अलग राज्यों से हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से विधवा समाज की महिलाओं को हमारी एनजीओ की तरफ से प्रेरणा और खुशी मिलती है.
यह भी पढें: प्रदेश सरकार का यूपी वासियों को एक और तोहफा, 31 अक्टूबर के साथ अब इस दिन भी रहेगी छुट्टी