प्रयागराज: चर्चित आईपीएस अधिकारी रहे डीके पांडा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. पहले कृष्ण भक्ति में लीन रहने के चलते वह राधा के वेष में ऑफिस जाने के कारण चर्चाओं में रहे, लेकिन जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो उन्होंने रिटायरमेंट से 2 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया. डीके पांडा अब वह एक बार फिर से चर्चाओं में हैं. उन्होंने दावा किया है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए 381 करोड़ रुपये कमाए थे, जो साइबर ठगों ने हड़प लिए हैं.
इसको लेकर पांडा ने धूमनगंज थाने में FIR भी दर्ज कराई है. पुलिस को दी गई प्राथमिकी में उन्होंने बताया है कि विदेश की एक कंपनी में निवेश करके उन्होंने 381 करोड़ कमाए. लेकिन उनके बैंक खाते में यह राशि नहीं आई. उनका दावा है कि उन्होंने लंदन की एक कंपनी, फिन्नीएक्स ग्रुप डॉट कॉम में निवेश किया था, जिसके बाद उन्हें 381 करोड़ रुपये का लाभ दिखाया गया था.
पांडा के अनुसार, उन्हें कुछ समय पहले राहुल नाम के एक युवक के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में जानकारी मिली थी. उन्होंने इस युवक के सुझाव पर निवेश किया, लेकिन जब लाभ की राशि निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें सफलता नहीं मिली. पूर्व आईपीएस ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि बाद में आरोपी ने पैसे मांगना शुरू किया. जब डीके पांडा ने पैसे देने से मना किया, तो आरोपी ने उन्हें धमकाया और अपशब्द भी कहे. आरोपी ने उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर टेरर फंडिंग में फंसाने की धमकी भी दी.
डीके पांडा ने इस फर्जीवाड़े के मामले में सीबीआई और एनआईए से जांच कराने की मांग की है. धूमनगंज थाना प्रभारी अमरनाथ राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामला दर्जकर लिया गया है. जांच की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है.
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डीके पांडा 1971 बैच के हैं आईपीएस अधिकारी
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह 2005 में आईजी के पद पर तैनात थे. ड्यूटी के दौरान जब वह ऑफिस जाते थे तो सोलह श्रृंगार करके घर से निकलते थे. जिसके चलते वह चर्चाओं में आए. लेकिन उन्होंने अपनी नोकरी की सेवा समाप्त होने से 2 साल पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने खुद को दूसरी राधा घोषित कर दिया था. वर्तमान में डीके पांडा प्रयागराज में रह रहे हैं.