लखनऊ- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक खबर ने हड़कंप मचा दिया है. यहां पर मामूली से विवाद में पुलिस ने एक व्यक्ति मोहित पांडेय को हिरासत में लिया था. जिसके बाद मोहित को हवालात में मृत पाया गया. परिजनों का आरोप है की पुलिस ने मोहित की इतनी ज्यादा पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.
चिनहट के जैनाबाद निवासी मोहित कुमार पांडेय को शनिवार की रात करीब 11 बजे पुलिस ने मामूली से विवाद के चलते हिरासत में लिया था. देर रात करीब 1:30 बजे पुलिस की ओर से ये जानकारी सामने आई कि मोहित की तबीयत खराब हो गई है. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसवालों ने मोहित की इतनी पिटाई की, जिससे उसकी जान चली गई.
सीएम योगी ने परिजनों से की मुलाकात
इस घटना के बाद आज सुबह सीएम योगी ने मोहित पांडेय के परिजनों से अपने आवास पर मुलाकात की. साथ ही मोहित के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई.
क्या है मामला?
आदेश नाम के व्यक्ति से मोहित का बहुत छोटा सा विवाद हुआ था. आरोप है कि, आदेश के चाचा के दबाव में पुलिस ने मोहित को हिरासत में लिया था. पुलिस ने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि आदेश के चाचा स्थानीय नेता हैं. इतना ही नहीं मोहित को हिरासत में लेने के बाद जब उसका भाई शोभाराम उससे मिलने थाने पहुंचा, तो पुलिसवालों ने उसे भी हिरासत में ले लिया. शोभाराम ने बताया कि, पुलिसवालों ने उसके भाई मोहित को करीब 11 बजे हिरासत में लिया था, लेकिन थाने में हिरासत का समय 1:30 बजे लिखा हुआ है. मोहित के साथ 11:00 बजे से 1:30 बजे तक क्या हुआ, मालूम नहीं? इसके बाद रात करीब 1:30 बेज की सीसीटीवी वीडियो सामने आई है उसमें मोहित की हालत काफी नाजुक दिखाई दे रही है, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी मृत्यु हो गई.
सीसीटीवी फुटेज में क्या दिखा
इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मोहित जेल में लेटा हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मोहित को हिरासत में इतना पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई और फिर खुद को बचाने के लिए वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. साथ ही मोहित के भाई शोभाराम ने कहा कि उसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, बाद में उसे छोड़ दिया गया. उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके भाई को उसके सामने बेरहमी से पीट रहे थे लेकिन वह कुछ कर नहीं सका और इसके चलते ही मोहित की मौत हो गई. इसके बाद दिखावे के लिए पुलिस वाले मोहित को अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
लखनऊ के चिनहट कोतवाली का CCTV फ़ुटेज देखिए, जब मारपीट के बाद लॉकअप में मोहित पांडे की तबीयत ख़राब हुई…
शुरू में तो शरीर में हरकत दिख रही है मगर फिर अकड़न के बाद शरीर शांत पड़ गया।
मोहित पांडे की मौत हो गई pic.twitter.com/8iGIcsl2yR— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) October 27, 2024
इस पूरे मामले पर चिनहट थाने के इंचार्ज अश्विनी कुमार के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने के बाद, उन्हें हटा दिया गया है. इसके बाद सब इंस्पेक्टर भरत कुमार पाठक को थाने का चार्ज दिया गया है.
परिजनों की मांगे
इस घटना के बाद से मोहित के घरवालों की बुरी हालत है. धरना प्रदर्शन करते हुए परिजन इस बात की मांग कर रहे हैं, जिन लोगों की वजह से मोहित की जान चली गई. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. मोहित की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और साथ ही मोहित के परिवार को भरण पोषण के 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और साथ ही साथ इस मामले की सीबीआई जांच हो.
पुलिस ने साझा की रिपोर्ट
फिलहाल, पुलिस ने मोहित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट साझा करते हुए कहा, मोहित की मृत्यु एक सामान्य मृत्यु है और मोहित के शरीर पर जो दाग मिले हैं, वो लड़ाई के दौरान के दाग हैं. हिरासत में मोहित के साथ कोई भी मारपीट नहीं की गई है.
मीडिया अपडेट थाना चिनहट में हुई घटना के संबंध में-@Uppolice pic.twitter.com/qm6O9tbemK
— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) October 27, 2024
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान
#लखनऊ: पुलिस हिरासत में मोहित पांडे की मौत पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह घटना बहुत ही दुःखद है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, एफआईआर दर्ज की गई है और निलंबन की प्रक्रिया भी होगी।… pic.twitter.com/CRHnAnnEKW
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) October 27, 2024
सपा नेता अखिलेश यादव ने जारी किया पोस्ट
इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट जारी करते हुए कहा-
उप्र की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है।
नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए।
पीड़ित परिवार की हर माँग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 27, 2024
यह भी पढ़ें:UP: कच्छा-बनियान गिरोह का आतंक जारी, घर में घुसकर की लाखों की लूट