लखनऊ; उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो गई है. लेकिन इस उपचुनाव से पहले इंडी गठबंधन के बीच सियासी खींचतान जारी है. सपा यूपी में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें देना चाहती है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 5 सीटों से कम पर राजी होने को तैयार नहीं है. अब ऐसे में इस उपचुनाव में सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन पर सहमति बन पाती है या नहीं…इसको लेकर नई बहस छिड़ गई है.
यूपी में जिन 9 सीटों पर उप चुनाव घोषित हैं, उनमें से 2 सीटें गाजियाबाद और खैर सपा ने कांग्रेस को दी हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सपा पर दबाव बनाने के लिए 2 सीटों पर उप चुनाव लड़ने के बजाए, चुनाव न लड़ने पर विचार कर रही है. कांग्रेस चाहती है कि उन सीटों वह अपने प्रत्याशियों को उतारे, जहां पर सपा पहले से ही उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इन सीटों में से फूलपुर सीट कांग्रेस के लिए प्राथमिकता पर है. क्योंकि एक जमाने में यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कई बार फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. उनके बाद गांधी परिवार के करीबी लोगों ने फूलपुर से प्रतिनिधित्व किया. इसके चलते गांधी परिवार खुद अखिलेश से बात कर रहा है.
यह भी खबरें सामने आ रही हैं कि यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, यूपीपीसी अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना द्वारा सपा से 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की जा रही है. इसको लेकर बातचीत का दौर भी जारी है. लेकिन सपा कांग्रेस को 2 से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है.
कांग्रेस पर सहयोगी दलों को साथ लेकर चलने का दबाव
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. कांग्रेस पार्टी जहां जम्मू कश्मीर में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, वहीं हरियाणा में लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर है. जिसके चलते उस पर सहयोगी दलों के साथ सामंजस्य बैठाकर राजनीति करने का दबाव है.
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इस सीटों पर 13 नवंबर को होगा मतदान
यूपी में जिन 9 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है, उनमें से मैनपुरी की करहल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, अंबेडकर नगर की कटेहरी, गाजियाबाद, कानपुर की सीसामऊ , मिर्जापुर की मझावां और प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर, मुरादाबाद की कुंदरकी सीट का नाम शामिल है. जबकि अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर अभी चुनाव घोषित नहीं हुआ है.