रामपुर; पूर्व भाजपा सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री जयाप्रदा को 5 साल पुराने एक मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. एमपी एमएलए कोर्ट ने जयाप्रदा को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है. जया प्रदा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाने के चलते कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया है. जया प्रदा आज गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थी.
जयाप्रदा के अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने मीडिया को बताया कि जयाप्रदा नाहटा ने 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसी दौरान उनकी चुनावी रैलियां भी हो रही थी. स्वार क्षेत्र के ग्राम नूरपुर में उड़न दस्ते के प्रभारी ने एक एफआईआर लिखवाई थी. एफआईआर में लिखवाया गया था कि एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जयाप्रदा द्वारा एक सड़क का उद्घाटन किया गया है. ये आचार संहिता का उल्लंघन है. इसी मुकदमे को लेकर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. आज गुरुवार को कोर्ट ने जयाप्रदा को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. सुनवाई के दौरान जया प्रदा भी कोर्ट में मौजूद रहीं, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
बता दें कि जयाप्रदा ने उत्तर प्रदेश के रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. उन पर आरोप था कि वह जीत का बिगुल बजाएंगी. उन्होंने एक जनसभा के दौरान अपने भाषण में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार आज़म खान और बसपा प्रमुख मायावाती के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी भी की थी. 2019 में सपा और बसपा ने एक साथ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव के लिए दोनों में गठबंधन हुआ था.
पुलिस में दर्ज मामले पर विवेचना पूरी किए जाने के बाद पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप दाखिल किया गया था. रामपुर एमपीएमएल कोर्ट इस केस में सुनवाई कर रहा था. वहीं पहली जुलाई को दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी हो गई, व आज गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला भी सुना दिया.
फैसला आने पर जयाप्रदा ने न्यायालय से बाहर आकर न्यायालय का धन्यवाद किया. मीडिया से बातचीत में कहा कि न्यायालय के निर्णय से खुश हैं. साथ ही उन्होंने चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर की. कहा कि शीर्ष नेतृत्व का फैसला होगा तो चुनाव भी लडूंगी.