लखनऊ: योगी सरकार 17 अक्टूबर को धूमधाम के साथ वाल्मीकि जयंती मनाएगी. इसको लेकर प्रदेश भर में व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में श्रीरामचरितमानस पाठ के साथ-साथ, सांस्कृतिक कार्यक्रम व भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा. महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली चित्रकूट में वृहद कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं.
यूपी के सभी जिलों में होंगे विशेष आयोजन
योगी सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि सीएम योगी के निर्देशानुसार 17 अक्टूबर को प्रदेश के सभी जिलों में वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी. महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों-मंदिरों आदि पर दीप प्रज्ज्वलन, दीपदान के साथ-साथ रामायण पाठ होगा. यह कार्यक्रम जिला, तहसील व विकास खंड स्तर पर आयोजित होंगे. सीएम योगी हर आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि, प्रकाश व सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कराने का निर्देश दिया हैं.
महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली पर होगा भव्य आयोजन
योगी सरकार महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर चित्रकूट में वृहद आयोजन कराएगी. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव को कार्यक्रम का नोडल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि लालापुर में महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ सुबह 11 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा. भगवती जागरण मंच और दयाराम रैकवाड़ व टीम की तरफ से आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान पूजन-हवन, भजन, वाल्मीकि रामायण पाठ, लवकुश प्रसंग आदि कार्यक्रम होंगे. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी और जनसहभागिता भी रहेगी.
यह भी पढ़ें: विजयादशमी पर विशेष परिधान में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने किया शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ का विशेष पूजन
श्रीराम व हनुमान मंदिरों में भी होंगे आयोजन
प्रदेश के सभी जिलों में स्थिति सभी राम व हनुमान मंदिरों व रामायण से संबंधित मंदिरों में कार्यक्रम होंगे. इसमें स्थानीय कलाकारों को मंच उपलब्ध कराया जाएगा. जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जिले में चयनित मंदिरों व स्थलों पर कार्यक्रम के लिए कलाकारों का चयन किया गया है. इसका समन्वय संस्कृति विभाग, सूचना-जनसंपर्क विभाग, जिला पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा किया जाएगा. सभी जिले में आयोजन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं. योगी सरकार ने कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जनसहभागिता पर भी जोर दिया है.