नई दिल्ली- आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरि दुनिया में आखिर कौन नहीं जानता है. आज के समय में वे सबके लोकप्रिय नेता हैं. यही वजह है कि वो जब किसी शिखर सम्मेलन में अपना सम्बोधन देते हैं, तो पूरा विश्व उन्हें बड़ी ही गंभीरता के साथ सुनता है. साथ ही उनके सुझावों पर ध्यान भी देता है. चाहे फिर वो G20 सम्मेलन हो, क्वाड की हो, आसियान सम्मेलन की हो या फिर पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की.
प्रधानमंत्री पीएम मोदी की वजह से अब भारत को लेकर दुनिया भर के देशों का नजरिया बदल गया है. इसकी एक झलक पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दिखी. बात दें, इस सम्मेलन में मौजूदा मेजबान और अगले सम्मेलन के मेजबान के तुरंत बात सम्मेलन को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी को पहले नेता के तौर पर आमंत्रित किया गया. इतना ही पीएम मोदी को आमंत्रित करने से पहले उनके विषय में जो उल्लेख लिया गया, उसमे साफ जाहीर हो रहा था कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा बार पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लिया है.
बात दें, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन अभी तक कुल 19 बार आयोजन किया जा चुका है. जिनमें से पीएम मोदी 8 बार शिरकत कर चुके हैं और इस बार उनका ये 9वीं बार हिस्सा लेना होगा. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की शुरुआत 2005 में हुई थी. वहीं, पीएम मोदी ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा की. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है “वियनतियाने, लाओ पीडीआर में आयोजित 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया. भारत आसियान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बहुत महत्व देता है. हम आने वाले समय में इस रिश्ते को और भी गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही, हम ऐसे इंडो-पैसिफिक की दिशा में काम करना चाहते हैं जो नियम आधारित, स्वतंत्र, समावेशी और खुला हो.”
Took part in the 19th East Asia Summit being held in Vientiane, Lao PDR. India attaches great importance to friendly relations with ASEAN. We are committed to adding even more momentum to this relation in the times to come. Our Act East Policy has led to substantial gains and… pic.twitter.com/3DS7fjqfdI
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2024
इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने पूर्वी एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुआ कहा ये समय युद्ध का समय नहीं है. हम म्यांमार की स्थिति पर आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. साथ ही हम फाइव प्वाइंट कन्सेन्सस का भी समर्थन करते हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते, भारत अपना दायित्व हुमएश निभाता रहेगा. पीएम मोदी ने इस सम्मेलन के दौरान अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया. साथ ही इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आतंकवाद को एक बड़ा खतरा बताया है. जिससे निपटने के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली तमाम ताकतों को एकजुट होकर काम करना होगा.
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