नई दिल्ली: रेलवे से जुड़े ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यु कोर्ट ने ED की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद यादव, उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव समेत 9 आरोपियों को ज़मानत दे दी है. ये सभी कोर्ट की ओर से 15 सितंबर को जारी समन पर अमल करते हुए आज विशेष जज विशाल गोगने के समक्ष में पेश हुए थे।
आज की सुनवाई में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के अलावा मीसा भारती और अन्य सह-आरोपी भी कोर्ट में मौजूद थे. इस मामले में पहले भी 7 मार्च को राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी गई थी.
कोर्ट ने 18 सितंबर को ED द्वारा दाखिल पहली पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था, जिसके बाद इन सात आरोपियों को पेश होने का समन जारी किया गया था. समन जारी किए गए आरोपियों में पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के मौजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, किरण देवी, हजारी प्रसाद राय, संजय राय और धर्मेंद्र सिंह शामिल हैं।
ED ने 6 अगस्त को इस मामले में पहली पूरक चार्जशीट पेश की, जिसमें 11 लोगों को आरोपी किया गया है और 96 दस्तावेजों को सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया गया है.
गौरतलब है कि 7 मार्च को कोर्ट ने ED के मामले में राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और हृदयानंद चौधरी को भी जमानत दी थी. ED की पहली चार्जशीट 9 जनवरी को दाखिल की गई थी और इसमें अमित कात्याल को गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले की शुरुआत CBI द्वारा दर्ज केस से हुई थी. 4 अक्टूबर 2023 को CBI ने तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी. 22 सितंबर 2023 को CBI की दूसरी चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था, जबकि 27 फरवरी 2023 को आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर भी कोर्ट ने ध्यान दिया था. 7 अक्टूबर 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में CBI ने 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
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