वाराणसी- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी या बीएचयू को आज कौन नहीं जनता है. ये यूनिवर्सिटी पूरे विश्व में अपने अलग-अलग शोध के लिए प्रसिद्ध है और एक बार फिर से बीएचयू के एक इनोवेटर ने इंटरनेशनल स्पेस एजेंसी नासा के सर्वर में गड़बड़ी ढूंढ निकाली है. इस बात को नासा ने मानते हुए सुधार करने का फैसला भी लिया है. ये एक ऐसी गड़बड़ी या यूं कहे बग थी जिससे हैकर्स नासा की पूरी की पूरी साइट को डाउन कर सकते थे.
बात दें कि, नासा की साइट हैक हो जाने के बावजूद भी पता नहीं चलता और साइट पर ट्राफिक हो जाने के बाद ये स्लो खुलती और यहां से कोई भी गोपनीय जानकारी चुराई जा सकती थी. दरअसल, ये काम बीएचयू के अटल इंक्यूबेशन सेंटर के इनोवेटर मृत्युंजय सिंह ने किया है. उन्होंने इस बग को एक ओपन चैलेंज में खोजा है. इस बग का नाम है ‘पी-5 इंफॉर्मेशनल वल्नबरैलिटी.‘ मृत्युंजय को बग क्राउड कंपनी की ओर से नासा की वेबसाइट में कमियों को खोजने का चैलेंज दिया गया था. चैलेंज पर खरे उतरने के बाद नासा समेत सेंटर के डायरेक्टर प्रो. पीवी राजीव ने मृत्युंजय की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है.
मृत्युंजय ने बताया कि उन्हें जब ये चैलेंज मिला तब उनके मन में ये सवाल आया कि क्या वो इस चैलेंज को पूरा कर पाएंगे या नहीं. लेकिन मृत्युंजय ने कहीं न कहीं अपने मन में ये ठान लिया था कि उन्हे इस चैलेंज को पूरा करना ही है. फिर उन्होंने ने नासा कि वेबसाइट पर रिसर्च का काम शुरू किया और ये काम लगभग 10 दिनों तक चला. मृत्युंजय ने खुद के बनाए एक हैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से पेन टेस्टिंग की, जिसके बाद इस बग का पता चला. वैसे, आम लोगों को नासा की वेबसाइट पर ये दिक्कतें नहीं पता चलेंगी. इन्हे केवल हैकर्स या एथिकल हैकर्स ही समझ सकते हैं.
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