ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे जिले के बदलापुर में दो नाबालिग किंडरगार्डन छात्राओं के यौन शोषण मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की सिंगल बेंच से स्कूल के अध्यक्ष और सचिव को झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
वहीं, आज हाई कोर्ट की डबल जजों की बेंच ने इस मामले में स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया कि 16 सितंबर और 21 सितंबर को दो आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं. जिसमें पहला आरोपपत्र आरोपी जोकि मुठभेड़ में मारा गया है और स्कूल की प्रधानाध्यापिका के खिलाफ है. जबकि दूसरा आरोपपत्र फरार आरोपियों के खिलाफ है, जो स्कूल के ट्रस्टी हैं.
जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने इस दौरान एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ से कहा कि, आम तौर पर आपकी पुलिस बल आरोपी का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करती है, लेकिन आप ट्रस्टियों का पता लगाने में असमर्थ क्यों हैं? या आप आरोपी को अग्रिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं?
इसपर एडवोकेट जनरल ने कहा, हम आरोपियों का पता लगाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं. वहीं, पीड़ितों के वकील ने बेंच को बताया कि परिवार को इस बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है कि जांच में क्या कदम उठाए जा रहे हैं. हमें अभी तक आरोप-पत्र नहीं मिले हैं. जिसपर कोर्ट ने ऐड्वोकेट जनरल को पीड़ितों को आरोप-पत्र देने को कहा है. अब बेंच इस मामले में अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को करेगी.