बरेली: बरेली में लव जिहाद के मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी मोहम्मद आलिम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह फैसला योगी सरकार के “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत 6 महीने के भीतर आया है. एडिशनल सेशन जज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम, रवि कुमार दिवाकर ने दोषी आलिम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जबकि उसके पिता को 2 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही जज रवि कुमार दिवाकर ने आलिम द्वारा पीड़िता से मंदिर में की गई शादी को अवैध करार दिया है.
कोर्ट की लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण पर कड़ी टिप्पणी
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण पर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अवैध धर्मांतरण के जरिए भारत को अस्थिर करने का षड्यंत्र हो रहा है, जो देश की एकता, अखंडता, और संप्रभुता के लिए खतरा है. कोर्ट ने लव जिहाद के पीछे विदेशी फंडिंग की भी आशंका जताई और इसे पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे देशों से जोड़ा.
कोर्ट ने लव जिहाद को परिभाषित करते हुए कहा, “समुदाय विशेष के पुरुषों द्वारा प्रेम का ढोंग करके महिलाओं को उनके धर्म में परिवर्तित करना लव जिहाद है.” कोर्ट ने कहा कि यह अवैध धर्मांतरण कुछ अराजक तत्वों द्वारा किया जाता है और इसे देश विरोधी गतिविधियों के तौर पर देखा जाना चाहिए.
आलिम ने खुद को आनंद बताकर छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया था
बरेली के देवरनिया की रहने वाली छात्रा को कोचिंग जाती थी, तभी आलिम ने खुद की असली पहचान छुपकर उसे प्रेमजाल में फंसा लिया. उसने खुद को आनंद बताया, हाथ में कलावा बांधकर उसे धोखा दिया और मंदिर में उसकी मांग में सिंदूर भरकर शादी का ढोंग किया. इसके बाद आलिम ने उसे दोस्त के कमरे पर ले जाकर दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया. उसने उसके साथ कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जिससे युवती को गर्भवती हो गई.
जिहादियों ने धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया, जबरन गर्भपात करा दिया
जब युवती को आलिम के मुसलमान होने का पता चला, तब उसने विरोध किया, लेकिन आलिम के परिवार ने उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला। विरोध करने पर गर्भपात भी जबरन करवा दिया। 11 मई 2023 को हाफिजगंज के नर्सिंग होम में पीड़िता का गर्भपात करा दिया गया, जिससे युवती मानसिक और शारीरिक तौर पर अत्यधिक परेशान हो गई. इसके बाद पीड़िता ने बरेली के देवरनिया थाने में लव जिहाद और गर्भपात से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराया.
पुलिस की कार्रवाई और कोर्ट का फैसला
पुलिस ने इस मामले में ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ के तहत त्वरित कार्रवाई करते हुए आलिम और उसके परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया और तेजी से चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट ने 6 महीने के अंदर इस मामले की सुनवाई पूरी कर दी. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आलिम को उम्रकैद और उसके पिता को दो साल की सजा सुनाई, जिससे यह मामला एक उदाहरण बन गया है.
कोर्ट के फैसले के बाद ऑपरेशन कनविक्शन” को मिली और मजबूती
इस फैसले के बाद, योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” को और मजबूती मिली है. यह अभियान ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों ने इस सफल कार्रवाई के लिए इन्वेस्टिगेशन टीम को पुरस्कृत भी किया.
एसपी सिटी, मनुष पारीक ने बताया कि कोर्ट ने लव जिहाद के इस मामले में त्वरित सजा सुनाई है. थाना अध्यक्ष देवरनिया, इंद्रकुमार ने मामले की चार्जशीट जल्दी दाखिल की थी, जिसके लिए उन्हें 5 हजार रुपये का इनाम दिया गया, जबकि पैरोकार को 2,500 रुपये का पुरस्कार मिला.
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