नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली के टिटोडा गांव के रहने वाले अतुल कुमार जिन्होंने IIT JEE अड्वान्स क्वालफाइ कर लिया था. उन्हें IIT धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की सीट भी मिल गई थी. लेकिन तय समय में फीस जमा न कर पाने के कारण उन्हें सीट नहीं मिल सकी. जिसके बाद उन्होंने पहले झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें सलाह दी गई कि वे मद्रास हाई कोर्ट में इस मामले को प्रस्तुत करें. इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट में तारीख होने पर उनके वकील ने केस विड्रो करने के लिए बोला.
इस परेशानी से उबरने के लिए उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तय समय सीमा में फीस जमा ना कर पाने के चलते IIT की सीट गंवाने वाले, एक निर्धन छात्र को मदद का आश्वासन दिया है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बीपारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के समख उनके वकील ने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया. वकील ने दलील दी कि IIT धनबाद में सीट आवंटित होने के बाद फीस जमा करने के लिए उन्हें चार दिन मिले. इतने वक़्त में फीस के 17,500 रुपये का इंतजाम कर पाना उनके गरीब परिवार के लिए बहुत मुश्किल था. वकील ने बताया कि अतुल का ये दूसरा और अंतिम प्रयास है. अगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिलती है तो वह परीक्षा में दोबारा शामिल नहीं हो पाएंगे.
वकील ने दलील दी कि छात्र ने झारखंड के एक केंद्र से JEE की परीक्षा दी थी, इसलिए युवक ने झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का भी रुख किया, जिसने उसे मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया, क्योंकि परीक्षा IIT, मद्रास ने आयोजित की थी.
चीफ जस्टिस ने वकील से कहा- हम आपकी यथासंभव मदद करेंगे, लेकिन आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे! फीस जमा करने की निर्धारित समय सीमा 24 जून को समाप्त हो गई है. हालांकि कोर्ट ने इसपर IIT मद्रास के साथ ही जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथोरिटी को भी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इस पर आगे की सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की है.
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